अहमदाबाद: गुजरात के तटीय इलाकों में 15 जून को बिपरजॉय का सबसे ज्यादा असर दिखने की संभावना है। इस चक्रवाती तूफान के असर को कम करने के लिए सरकार ने कई तैयारियां की हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, किसी भी विकट परिस्थिति से निपटने के लिए NDRF की 17 और SDRF की 11 टीमों की तैनाती की गई है। इसके अलावा NDRF की 3 टीमें वडोदरा और एक टीम गांधीनगर में स्टैंडबाई पर रखी गई हैं। तटीय गांवों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने के लिए कोस्ट गार्ड, स्थानीय पुलिस और मरीन पुलिस की मदद भी ली जा रही है।
मंत्रियों ने भी संभाल रखा है मोर्चा
बिपरजॉय की गंभीरता को देखते हुए गुजरात में केंद्र सरकार के 2 मंत्री अपनी मौजूदगी बनाए हुए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया जहां कच्छ में हैं, वहीं पुरुषोत्तम रूपाला देवभूमि द्वारका में मौजूद हैं। इसके अलावा गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी भी देवभूमि द्वारका में है। वहीं, गुजरात के अन्य मंत्रियों में प्रफुल पंशेरिया, ऋषिकेश पटेलऔर बलवंत सिंह राजपूत कच्छ में, कनुभाई देसाई मोरबी में, राघवजी पटेल राजकोट में और कुंवरजी बावरिया पोरबंदर में हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल गांधीनगर से पूरे राज्य की स्थिति को मॉनिटर कर रहे हैं।
भारत के साथ पाकिस्तान में भी होगा असर
बता दें कि प्रचंड चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ के गुजरात के कच्छ जिले और पाकिस्तान के कराची तट के बीच 15 जून को पहुंचने की संभावना है। तूफान तटीय क्षेत्र में किस स्थान पर जमीन से टकराएगा, उसके बारे में आने वाले कुछ घंटों में स्थिति साफ हो जाएगी। 150 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार तक की हवा बहने से कच्छ, जामनगर, मोरबी, गिर सोमनाथ, पोरबंदर, और देवभूमि द्वारका जिलों के चक्रवात से प्रभावित होने की संभावना है। सौराष्ट्र-कच्छ और कराची तट से 15 जून को दोपहर 125-130 किमी प्रति घंटा से लेकर 150 किमी प्रति घंटा तक की गति वाली हवा के साथ यह चक्रवात गुजर सकता है।