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Bilkis Bano Gangrape Case: बिलकिस बानो के रेपिस्ट 'ब्राह्मण हैं, उनके अच्‍छे संस्‍कार हैं', BJP विधायक का शर्मनाक बयान

बिलकिस बानो गैंगरेप मामले में आजीवन कारावास की सजा पाए सभी 11 दोषियों को 15 अगस्त को गोधरा उप-जेल से रिहा कर दिया गया था। गुजरात सरकार की सजा माफी योजना के तहत उन्हें रिहा किया गया था।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : Aug 19, 2022 17:23 IST, Updated : Dec 15, 2022 23:46 IST
Bilkis Bano
Image Source : INDIA TV (FILE PHOTO) Bilkis Bano

Bilkis Bano Gangrape Case: बिलकिस बानो गैंगरेप केस में 11 दोषियों की सजा माफ करने का मुद्दा गरमाता जा रहा है। इस मामले को लेकर BJP के एक विधायक ने कहा है कि 2002 के गुजरात दंगों के इस मामले में दोषी कुछ लोग “अच्छे संस्कारों वाले ब्राह्मण” हैं, और यह संभव है कि उनके परिवार की अतीत की गतिविधियों के चलते उन्हें फंसाया गया होगा। हालांकि, एक समाचार पोर्टल के साथ इंटरव्यू में कैमरे पर इस तरह का दावा करने के एक दिन बाद गोधरा के विधायक सी. के. राउलजी ने कहा कि उनका मानना है कि बलात्कारियों की कोई जाति नहीं होती और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।

राउलजी ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘‘बलात्कारियों की कोई जाति नहीं होती और मैंने ऐसी कोई (गलत) बात नहीं की है। मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है। यदि कोई दोषी है तो उसे उसकी सजा मिलनी चाहिए। हमें अदालत के फैसले का सम्मान करना चाहिए।’’ उनका यह ट्वीट बिलकिस बानो मामले में उनकी जातिगत टिप्पणी को लेकर हुए विवाद के बाद आया है। उन्होंने गुरुवार को कहा था कि उन्हें नहीं पता कि 15 साल से ज्यादा समय बाद जेल से रिहा किए गए दोषी अपराध में शामिल थे या नहीं।

15 अगस्त को गोधरा उप-जेल से रिहा हुए सभी 11 दोषी

बिलकिस बानो गैंगरेप मामले में आजीवन कारावास की सजा पाए सभी 11 दोषियों को 15 अगस्त को गोधरा उप-जेल से रिहा कर दिया गया था। गुजरात सरकार की सजा माफी योजना के तहत उन्हें रिहा किया गया था। राउलजी ने एक समाचार पोर्टल से कहा, “हमने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर फैसला लिया था। हमें दोषियों के आचरण को देखना था और उन्हें समय से पहले रिहा करने पर फैसला लेना था।” उन्होंने कहा, “हमने जेलर से पूछा और पता चला कि जेल में उनका आचरण अच्छा था।… इसके अलावा कुछ दोषी ब्राह्मण हैं। उनके संस्कार अच्छे हैं।”

'आचरण के आधार पर माफ की सजा'
राउलजी ने कहा कि हो सकता है, दोषियों को फंसाया गया हो। उन्होंने कहा, “संभव है कि उनके परिवार के अतीत में किए गए कामों के कारण उन्हें फंसाया गया हो। जब ऐसे दंगे होते हैं तो ऐसा होता है कि जो शामिल नहीं होते उनका नाम आता है। लेकिन मुझे नहीं पता कि उन्होंने अपराध किया था या नहीं। हमने उनके आचरण के आधार पर सजा माफ की।” जेल से रिहा हुए उन 11 लोगों के स्वागत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उन्होंने उन लोगों का स्वागत नहीं किया।

2008 में मिली थी उम्रकैद की सजा
शीर्ष अदालत द्वारा राज्य की 1992 की छूट नीति के तहत राहत के लिए उनकी याचिका पर विचार करने के निर्देश के बाद गुजरात सरकार ने 11 दोषियों को रिहा कर दिया। मुंबई की एक स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने 21 जनवरी, 2008 को बिलकिस बानो के परिवार के 7 सदस्यों की हत्या और उसके गैंगरेप के मामले में सभी 11 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। बाद में बम्बई हाईकोर्ट ने उनकी सजा को बरकरार रखा। इन दोषियों ने 15 साल से ज्यादा समय तक जेल की सजा काटी, जिसके बाद उनमें से एक ने अपनी समय-पूर्व रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

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