नई दिल्ली: बिहार में दिल्ली-कामाख्या नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस के पटरी से उतरने के मामले में शुरुआती जांच में चौंकाने वाली बात पता चली है। सूत्रों ने गुरुवार को प्रारंभिक जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस की दुर्घटना का संभावित कारण पटरी में खराबी थी। बता दें कि बुधवार की रात हुए इस भीषण ट्रेन हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन के ड्राइवर सहित 6 रेलवे अधिकारियों द्वारा साइन की गई रिपोर्ट में कहा गया है, ‘ऐसा लगता है कि यह दुर्घटना पटरी में खराबी के कारण हुई।’
‘ट्रेन 128 किमी/घंटे की रफ्तार से गुजरी थी’
शुरुआती जांच की रिपोर्ट के मुताबिक, दुर्घटना के कारण 52 करोड़ रुपये से ज्यादा के नुकसान का अनुमान है। रिपोर्ट के मुताबिक, लोको पायलट और उसके सहायक का ‘ब्रेथ एनालाइजर’ टेस्ट भी किया गया था। बुधवार रात हुए हादसे में लोको पायलट (ड्राइवर) आंशिक रूप से घायल हो गया और उसके सहायक को गंभीर चोटें आईं। रिपोर्ट में लोको पायलट का एक बयान भी शामिल है, जिसमें कहा गया है कि ट्रेन 128 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से रघुनाथपुर स्टेशन से गुजरी, लेकिन स्टेशन को पार करने के तुरंत बाद उसे पीछे से एक काफी तेज झटका लगा।
‘ट्रेन रात 9:52 बजे पटरी से उतर गई’
रिपोर्ट में लोको पायलट के हवाले से कहा गया है कि बहुत ज्यादा कंपन और गंभीर झटके के चलते ब्रेक पाइप का दबाव अचानक कम हो गया और ट्रेन रात 9:52 बजे पटरी से उतर गई। इसमें रघुनाथपुर स्टेशन के एक गेटमैन और एक पॉइंटमैन के हवाले से कहा गया है कि उन्होंने ट्रेन के पहियों के पास से चिंगारी निकलती देखी। रिपोर्ट में लोको पायलट और उसके हेल्पर का ‘ब्रेथ एनालाइजर’ टेस्ट नेगेटिव बताया गया है। बुधवार रात बिहार के बक्सर जिले में रघुनाथपुर के पास 12506 नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस के पटरी से उतर जाने से कम से कम 4 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। (भाषा)