ओडिशा में शुक्रवार की देर रात तीन ट्रेनों - दो यात्री और एक मालगाड़ी के आपस में टकरा जाने बड़ा हादसा हो गया, जिसमें अबतक 233 लोगों की मौत हो गई है और 1000 से ज्यादा लोग घायल हैं। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। पहले कोरोमंडल एक्सप्रेस और मालगाड़ी की टक्कर की खबर आई और फिर दोनों ट्रेनों के हावड़ा एक्सप्रेस के टकराने की भी बात सामने आई। दुर्घटना के बाद चारों तरफ खौफनाक मंजर था। लोगों ने जो आंखों देखी बताई है उसे सुनकर रूह कांप जाएगी।
जानकारी के मुताबिक गाड़ी संख्या 12864 बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कई डिब्बे पटरी से उतर गए और दूसरी पटरी पर जा गिरे और फिर पटरी से उतरे ये डिब्बे गाड़ी संख्या 12841 शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गए और उस ट्रेन के डिब्बे भी पलट गए। इन दोनों की टक्कर के बाद डिब्बे एक मालगाड़ी से टकरा गए, जिससे मालगाड़ी भी दुर्घटना की चपेट में आ गई। इन तीनों ट्रेनों की टक्कर की खबर जिसने भी सुनी स्तब्ध रह गया।
भारत में अबतक की सबसे बड़ी रेल दुर्घटनाएं
7 जुलाई, 2011 को उत्तर प्रदेश में एटा जिले के पास छपरा-मथुरा एक्सप्रेस एक बस से टकरा गई थी, जिसमें 69 लोगों की जान चली गई थी और कई गंभीर रूप से घायल हो गए थे। ये हादसा मानव रहित क्रासिंग पर देर रात करीब 1:55 बजे हुआ था। ट्रेन तेज गति से चल रही थी और बस के टकराने के बाद वह करीब आधा किलोमीटर तक बस को घसीटती रही।
वर्ष 2012 को भारतीय रेलवे के इतिहास में रेल दुर्घटनाओं के मामले में सबसे खराब में से एक माना गया था। इस वर्ष लगभग 14 रेल दुर्घटनाएं दर्ज की गईं थीं, जिनमें पटरी से उतरना और आमने-सामने की टक्कर दोनों शामिल हैं।
30 जुलाई, 2012 को दिल्ली-चेन्नई तमिलनाडु एक्सप्रेस के एक डिब्बे में नेल्लोर के पास आग लग गई थी, जिसमें 30 से अधिक लोग मारे गए थे।
26 मई 2014 को उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर इलाके में गोरखपुर की ओर जा रही गोरखधाम एक्सप्रेस खलीलाबाद स्टेशन के पास रुकी मालगाड़ी से टकरा गई थी, जिससे 25 लोगों की मौत हो गई और 50 से ज्यादा घायल हो गए थे।
20 मार्च, 2015 को देहरादून से वाराणसी जा रही जनता एक्सप्रेस में एक बड़ा हादसा हुआ था। उत्तर प्रदेश के रायबरेली में बछरावां रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन का इंजन और दो बगल के डिब्बे पटरी से उतर जाने से 30 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 150 अन्य घायल हो गए थे।
20 नवंबर, 2016 को इंदौर-पटना एक्सप्रेस 19321 कानपुर के पुखरायां के पास पटरी से उतर गई, जिसमें कम से कम 150 यात्रियों की मौत हो गई और 150 से अधिक घायल हो गए।
19 अगस्त, 2017 को हरिद्वार और पुरी के बीच चलने वाली कलिंग-उत्कल एक्सप्रेस उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में खतौली के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। ट्रेन की 14 बोगियां पटरी से उतर गईं, जिसमें 21 यात्रियों की मौत हो गई, जबकि 97 घायल हो गए।
23 अगस्त, 2017 को दिल्ली जाने वाली कैफियत एक्सप्रेस के नौ कोच उत्तर प्रदेश के औरैया के पास पटरी से उतर गए, जिससे कम से कम 70 लोग घायल हो गए।
13 जनवरी, 2022 को बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस के कम से कम 12 डिब्बे पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार में पटरी से उतर गए, जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई और 36 अन्य घायल हो गए।