नई दिल्ली: चांद को फतह करने के मिशन से गया चंद्रयान-3 अपने तय रास्ते पर सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान सगंठन (ISRO) ने जानकारी देते हुए बताया कि चंद्रयान-3 की चौथी कक्षा को सफलतापूर्वक बदल दिया गया है। वहीं इससे पहले ISRO ने 18 जुलाई को चंद्रयान-3 की तीसरी कक्षा बढ़ाने की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया था। अब इसके बाद अगली ऑर्बिट मैन्यूरिंग 25 जुलाई 2023 को दोपहर 2 से 3 बजे ही होगी।
14 जुलाई को मिशन हुआ था लॉन्च
बता दें कि 14 जुलाई 2023 को दोपहर 2:35 ISRO का फैट ब्वाय कहा जाने वाला GSLV मार्क-3 रॉकेट चंद्रयान को अंतरिक्ष में लेकर रवाना हुआ। यह पहले पृथ्वी के आर्बिट और उसके बाद चंद्रमा के आर्बिट में चक्कर लगाते हुए, आज से ठीक 41 दिन बाद चंद्रयान-3 की चांद की सतह पर लैंडिंग 24 से 25 अगस्त के बीच होगी। चंद्रयान-3 अपने साथ एक लैंडर, एक रोवर और एक प्रोपल्शन मॉड्यूल लेकर चांद तक जा रहा है। इसका कुल वजन करीब 3,900 किलोग्राम है।
चंद्रयान-2 के असफल होने के बाद हुआ हैं कई बदलाव
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इसरो ने लैंडर के लिए अलग सोलर पैनल लगाने की वजह से वह खुद से उर्जा उत्पादन कर सकेगा, जिससे दिन में भी लैंडिंग हो सके और इसी भी तरह की दिक्कतों का सामना ना करना पड़े। इसके साथ ही लैंडिंग के समय खतरे और दिक्कतों को पता लगाने के लिए अलग से लैंडिंग कैमरा फीडबैक उपकरण भी भेजा गया है। वहीं इस बार लैंडिंग एल्गोरिदम और इंजन में भी काफी बदलाव किए गए हैं।