Delhi news: वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि मुद्रास्फीति में वृद्धि का कारण प्रतिकूल तुलनात्मक आधार के अलावा खाद्य वस्तुओं और ईंधन के दाम में आई तेजी है। इसके साथ ही उसने भरोसा जताया कि महंगाई को काबू में लाने के लिये उठाए गए उठाए गए कदमों का आने वाले महीनों में असर दिखेगा। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त महीने में बढ़कर सात प्रतिशत पर पहुंच गयी जबकि जुलाई के महीने में यह 6.71 प्रतिशत थी।
मुख्य मुद्रास्फीति 5.9 प्रतिशत रही
मंत्रालय ने कहा कि अगस्त में प्रमुख मुद्रास्फीति 5.9 प्रतिशत रही है जो लगातार चौथे महीने रिजर्व बैंक के अधिकतम संतोषजनक स्तर छह प्रतिशत से नीचे है। प्रमुख मुद्रास्फीति में खाद्य और ऊर्जा उत्पादों के दाम शामिल नहीं होते हैं। वित्त मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति (सकल मुद्रास्फीति) जुलाई 2022 में 6.71 प्रतिशत से मामूली बढ़कर अगस्त महीने में सात प्रतिशत पर पहुंच गयी। इसका कारण प्रतिकूल तुलनात्मक प्रभाव और खाद्य तथा ईंधन के दाम में आई तेजी है।’’
इनेक एक्सपोर्ट पर लगाए प्रतिबंध
हालांकि मंत्रालय ने उम्मीद जतायी है कि सरकार ने आटा, चावल, मैदा आदि के निर्यात पर जो पाबंदी लगाई है, उससे इनके दाम में नरमी आने की संभावना है। मंत्रालय के अनुसार, ‘‘सरकार ने घरेलू आपूर्ति बनाये रखने और कीमतों में तेजी पर अंकुश लगाने के लिये गेहूं आटा, चावल मैदा आदि के निर्यात पर प्रतिबंध लगाये है। इन उपायों का आने वाले महीनों में उल्लेखनीय सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।’’