Saturday, December 21, 2024
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इजरायल में हमास के हमले पर बड़ा खुलासा! 2 साल पहले रची गई साजिश, हैकर्स ई-वॉलेट पर डाल रहे थे डाका

गाजा में जहां एक ओर इजरायली सेना हमास के आतंकियों पर लगातार बमबारी कर रही है वहीं हमास के हमले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। जानकारी के मुताबिक 2 साल पहले हमले की साजिश रची गई थी।

Reported By : Abhay Parashar Edited By : Niraj Kumar Published : Oct 12, 2023 12:00 IST, Updated : Oct 12, 2023 12:23 IST
इजरायल पर हमले के दौरान जश्न मनाते हमास के आतंकी
Image Source : पीटीआई इजरायल पर हमले के दौरान जश्न मनाते हमास के आतंकी

नई दिल्ली: इजरायल में हमास के आतंकी हमले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। जानकारी के मुताबिक करीब 2 साल पहले इस हमले की साजिश रची गई थी। इस साजिश को अंजाम देने के लिए फण्ड इक्कठा किया जा रहा था। हमास के हैकर्स को फंडिंग का बड़ा हिस्सा इक्कठा करने की जिम्मेदारी दी गई थी। 

2 साल पहले से टेरर फंड हो रहा था इकट्ठा

हमास के हैकर्स ने अपने आतंकी मंसूबों को अंजाम देने के लिए करीब 2 साल पहले टेरर फंड इक्कठा करना शुरू कर दिया था। हमास के ये हैकर दुनिया भर में लोगों के ई-वॉलेट पर डाका डाल रहे थे। इन हैकर्स का शिकार दिल्ली के पश्चिम विहार के रहने वाला एक करोबारी भी बना। इस कारोबारी के क्रिप्टो करेंसी वॉलेट से करीब 30 लाख रुपये की सेंधमारी की गई।

फंड इकट्ठा करने की जानकारी इजरायल को भी थी

2 साल पहले दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट के डीसीपी केपीएस मल्होत्रा के अगुवाई में जांच शुरू हुई थी लेकिन यूजर तक पुलिस नहीं पहुच पाई थी। जांच में खुलासा हुआ कि ये पैसा अल-क़साम ब्रिगेड्स के वॉलेट में गया, जिसे फिलिस्तीन का आतंकी संगठन हमास मेंटेन कर रहा था। इसी एकाउंट में दुनिया भर से अलग-अलग लोगों के ई-वॉलेट में डाका डाल कर आतंक के लिए पैसा जुटाया जा रहा था। बाद में इस बात की तस्दीक इजरायल के नेशनल ब्यूरो फ़ॉर काउंटर टेरर फिनांसिग ने भी की थी। इस एकाउंट को इजरायल की काउंटर टेरर यूनिट ने फ्रीज किया था, जोकि हमास के कमांडर मोहम्मद नासीर इब्राहिम अब्दुल्ला के नाम पर था।

हमास कमांडर के खाते में जा रहे थे पैसे

इसके अलावा जांच में ये भी खुलासा हुआ था कि कुछ ऐसे ही वॉलेट इजिप्ट के गाज़ा में अहमद मरज़ूक़ और फिलिस्तीन में एक अन्य क्रिप्टो करेंसी वॉलेट अहमद क्यू एच सफी के नाम से चलाए जा रहे थे जिनमें टेरर फंडिंग की मोटी रकम आ रही थी। बाद में इजरायल की टेरर काउंटर यूनिट ने खुलासा किया कि ये एकाउंट भी हमास के कमांडर ऑपरेट कर रहे थे। अलग-अलग ई वॉलेट से पैसा हमास की मिलिट्री विंग के कमांडरों के वॉलेट में जा रहा था, जिसे आने वाले वक्त में आतंकी साजिश को अंजाम देने के लिए किया जाना था।

433 क्रिप्टो करेंसी के ई-वॉलेट फ्रीज

इसी तरह इजरायल की लाहव पुलिस ने करीब 433 क्रिप्टो करेंसी के ई-वॉलेट फ्रीज किए जिनमें हमास के आतंकी मंसूबों को अंजाम देने के लिए चंदे के रूप में टेरर फण्ड इक्कठा किया जा रहा था। इस हमले से ठीक पहले इजरायल की इंटेलीजेंस, सिक्युरिटी और डिफेंस एजेंसियो की मानें तो हमास ने बड़े पैमाने पर क्रिप्टो करेंसी के जरिए टेरर फंड जमा किया। टेरर फंडिंग इक्कठा करने में सबसे अहम रोल सोशल मीडिया ने अदा किया था जिस पर इजरायल को शैतान दिखाकर लोगों को बरगलाया गया और चंदे के रूप में टेरर फंड इक्कठा किया गया। इजरायल ने बिनांस क्रिप्टो एक्सचेंज और ब्रिटिश पुलिस की मदद से ब्रिटिश बैंक बार्कले में ऐसे दर्जनों ई-वॉलेट फ्रीज़ किये थे जिनका इस्तेमाल हमास के लिए टेरर फंड इक्कठा करने में हो रहा था।

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