Friday, November 22, 2024
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इलेक्टोरल बॉन्ड में बड़ा खुलासा, भाजपा को एक दिन में मिला था करोड़ों रुपये का चंदा

इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट के कड़े रूख के बाद एसबीआई ने सभी राजनीतिक पार्टियों का ब्यौरा सौंप दिया है, जिसे अब निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। इसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।

Edited By: Kajal Kumari @lallkajal
Updated on: March 18, 2024 0:03 IST
electoral bond data- India TV Hindi
इलेक्टोरल बॉन्ड का खुलासा

चुनावी बॉन्ड्स मामले में निर्वाचन आयोग की वेबसाइट से खुलासा हुआ है कि अप्रैल 2018 से 2023 के बीच आठ बार बीजेपी को एक-एक दिन में एक-एक अरब रुपये या इससे भी ज्यादा चंदा चुनावी बॉन्ड्स के जरिए मिला है। जानकारी के मुताबिक एक दिन तो चुनावी चंदे का आंकड़ा दो सौ करोड़ रुपये तक का भी है। बता दें कि निर्वाचन आयोग को सुप्रीम कोर्ट से 2019 में विभिन्न राजनीतिक दलों के पास से उनको चुनावी बॉन्ड्स से मिले चंदे का वो डाटा भी मिल गया है जो सुप्रीम कोर्ट को आयोग ने बिना लिफाफा खोले जस का तस दे दिया था।

चौंकाने वाला है डाटा

शनिवार, 16 मार्च को मिला पुराना डाटा और भारतीय स्टेट बैंक से मिला डाटा दोनों चौंकाने वाले हैं। इस डाटा को देखें तो इसमें मुख्य तौर पर बीजेपी, कांग्रेस के अलावा डीएमके, एआईएडीएमके और एनसीपी ने बॉन्ड्स के जरिए मिले चुनावी चंदे का खुलासा किया है। निर्वाचन आयोग के साथ सभी राष्ट्रीय, राज्य या क्षेत्र स्तरीय और पंजीकृत लेकिन गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों ने  चुनावी बॉन्ड्स से मिले चंदे की जानकारी साझा की है।

इन दलों में डीएमके, एआईडीएमके, आप और समाजवादी पार्टी ने प्रमुख चंदा देने वालों के नाम बताए हैं। तो वहीं सीपीआई (एम), सीपीआई, एनपीपी और बसपा ने साफ एलान किया है कि उनको चुनावी बॉन्ड्स के जरिए कोई चंदा नहीं मिला है। सीपीआई (एम) और सीपीआई ने भी नैतिकता के आधार पर बॉन्ड्स के जरिए चंदा नहीं मिलने की बात कही है।

भाजपा को मिला है सबसे ज्यादा चंदा

भाजपा को इन बांडों के माध्यम से सबसे अधिक 6,986.5 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, इसके बाद पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (1,397 करोड़ रुपये), कांग्रेस (1,334 करोड़ रुपये) और बीआरएस (1,322 करोड़ रुपये) का स्थान रहा। रविवार को चुनाव आयोग के आंकड़ों से पता चला कि चुनावी बांड के शीर्ष खरीदार, फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज ने अब समाप्त हो चुके भुगतान मोड के माध्यम से तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी डीएमके को 509 करोड़ रुपये का दान दिया।

ओडिशा की सत्तारूढ़ पार्टी बीजेडी ₹ 944.5 करोड़ के साथ चौथी सबसे बड़ी प्राप्तकर्ता थी, उसके बाद डीएमके ₹ 656.5 करोड़ थी और आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ पार्टी वाईएसआर कांग्रेस ने लगभग ₹ 442.8 करोड़ के बांड भुनाए।

पार्टियों  ने दाखिल किया घोषणा पत्र

अब खुलासा होने के बाद चुनावी बॉन्ड्स से चंदा पाने वाले अधिकांश राजनीतिक दलों ने केवल अपने द्वारा भुनाए गए बॉन्ड्स के मूल्य का ब्योरा तारीख के साथ दिया है। इसमें दानदाताओं के नाम और उनके द्वारा इलेक्टोरल बॉन्ड्स के जरिए दिए गए योगदान की गई राशि को भी शामिल किया है। राष्ट्रीय, क्षेत्रीय या राज्य और गैर मान्यता प्राप्त पंजीकृत पार्टियों में कुल 519 पार्टियों ने चुनाव आयोग को अपना घोषणा पत्र सौंपा है। झारखंड मुक्ति मोर्चा उन पार्टियों में शामिल है, जिन्होंने अभी तक अपना घोषणा पत्र दाखिल नहीं किया है। 

चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के दिए गए सीलबंद कवर के तहत जमा किए गए चुनावी बांड विवरण को अब सार्वजनिक कर दिया है और माना जा रहा है कि दिया गया विवरण 12 अप्रैल, 2019 से पहले का है। निर्वाचन आयोग ने चुनावी बॉन्ड्स पर सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री से डिजिटल रूप में प्राप्त डेटा को आज अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है. इसे इस यूआरएल https://www.eci.gov.in/candidate-politicalparty पर क्लिक करके देखा जा सकता है। 

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