Highlights
- उनकी मां राबड़ी देवी को भी जमानत दी थी
- उन्हें सात साल की सजा हो सकती है
- 3 एकड़ जमीन दी गई जो बेनामी संपत्ति थी
IRCTC Scam: बिहार के डिप्टी सीएम एवं आरजेडी के दिग्गज नेता तेजस्वी और लालू प्रसाद यादव को आईआरसीटीसी घोटाले में बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने सीबीआई की याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए तेजस्वी को और समय दे दिया है। इसी याचिका पर उनकी जमानत रद्द करने की मांग की थी। तेजस्वी यादव को 18 अक्टूबर 2022 में पेश होने के लिए निर्देश दिया है।
IRCTC घोटाले क्या है पूरा विवाद
साल 2017 में लालू प्रसाद यादव तेजस्वी यादव समेत 11 आरोपियों के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया था। इसके बाद सीबीआई की एक विशेष अदालत ने जुलाई 2018 में लालू प्रसाद यादव और अन्य के खिलाफ दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लिया था। बता दें कि आरोप तय करने को लेकर आज शुरू नहीं हो सकी। इसके बाद साल 2019 फरवरी में एक आरोपी विनोद कुमार के फैसले को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी।
दिया गया था 3 एकड़ जमीन
साल 2004 में लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे उसी दौरान यह घोटाला हुआ था। रेलवे बोर्ड ने उस वक्त रेलवे की कैटरिंग और रेलवे होटलों की सेवा को पूरी तरह से आईआरसीटीसी को संभालने के लिए दे दिया था। इस दौरान रांची और पूरी के बीएनआर होटल के रखरखाव संचालन और विकास को लेकर जारी टेंडर में अनियमितता पाए जाने की बात सामने आई। आरोप लगाया गया कि सुजाता होटल के मालिक और लालू प्रसाद यादव की मिलीभगत सामने आई। बताया गया कि 3 एकड़ जमीन दी गई जो बेनामी संपत्ति थी इस मामले में भी लालू यादव राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव समेत 11 लोगों को आरोपी बनाया गया।
क्या जेल जा सकते हैं तेजस्वी
कानून के जानकारों की मानें तो अगर अदालत में पर्याप्त सबूत और गवाह पेश हो जाते हैं तो तेजस्वी को जेल हो सकती है। अगर तेजस्वी कोर्ट में IRCTC टेंडर घोटाले मामले में दोषी साबित हो गए तो उनपर जो धाराएं लगाई गई हैं, उनसे उन्हें सात साल की सजा हो सकती है। बताते चलें कि घोटाले के इसी मामले में में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने तेजस्वी के साथ साथ उनकी मां राबड़ी देवी को भी जमानत दी थी।