मुंबई: मशहूर उद्योगपति और टाटा ग्रुप के मानद चेयरमैन रतन टाटा को 'भारत रत्न' देने की मांग की गई है। महाराष्ट्र कैबिनेट में इस संबंध में एक प्रस्ताव पास किया गया। महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया कि उद्योगपति रतन टाटा का नाम भारत रत्न पुरस्कार के लिए प्रस्तावित करते हुए केंद्र सरकार को भेजा जाए। केंद्र सरकार अब महाराष्ट्र कैबिनेट के इस प्रस्ताव पर अंतिम फैसला लेगी।
महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक में रतन टाटा के निधन पर शोक जताते हुए एक शोक प्रस्ताव पारित किया गया। इसके बाद भारत रत्न पुरस्कार के लिए उनका नाम प्रस्तावित करने का फैसला लिया गया। महाराष्ट्र सरकार अब केंद्र सरकार को यह प्रस्ताव भेजेगी।
ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन
बता दें कि रतन टाटा का 86 साल की उम्र में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में बुधवार देर रात निधन हो गया। वे पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के बढ़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आज वर्ली के श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
अंतिम दर्शन के लिए उमड़े लोग
नरीमन प्वाइंट स्थित NCPA लॉन में आज सुबह 10 बजे अंतिम दर्शन के लिए लाया गया। यहां बड़ी संख्या में लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे। देश की नामचीन राजनीतिक हस्तियां, उद्योग जगत से जुड़े लोग, फिल्मी हस्तियां, खेल से जुड़े लोगों के साथ ही समाज के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े।
28 दिसंबर 1937 को हुआ था जन्म
रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में हुआ था। वे 1991 से 2021 तक टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहे। इस दौरान उन्होंने बिजनेस सेक्टर में कई कीर्तिमान स्थापित करते हुए देश के सबसे पुराने कारोबारी घरानों में से एक टाटा को नई बुलंदियों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।
पद्मभूषण और पद्म विभूषण पुरस्कार
उनके 21 साल के कार्यकाल के दौरान उन्होंने कंपनी का राजस्व 40 गुना से ज्यादा तथा लभा 50 गुना ज्यादा बढ़ा। उन्होंने टाटा टी को टेटली, टाटा मोटर्स को जगुआर लैंड रोवर तथा टाटा स्टील को कोरस का अधिग्रहण करने में मदद की। टाटा की नैनो कार की संकल्पना भी उन्होंने तैयार की थी। वर्ष 2000 में उन्हें भारत सरकार ने पद्मभूषण और 2008 में पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया था।