Highlights
- देश में बच्चों के टीकाकरण को लेकर आयी बड़ी खुशखबरी
- DCGI ने Covaxin की बच्चों को दी जाने वैक्सीन को मंजूरी दे दी है
नए साल से पहले बच्चों के लिए एक अच्छी खबर आयी है। देश में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे के बीच बच्चों के लिए अच्छी खबर आयी है। भारत के औषधि महानियंत्रक ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। DCGI ने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (Covaxin) के टीके को बच्चों के लिए इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी है। यानी अब देश में 12 से 18 साल के बच्चों को कोवैक्सीन का टीका लग सकेगा। आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, भारत बायोटेक को 12-18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए अपने टीके के आपातकालीन उपयोग के लिए DCGI से मंजूरी मिल गई है। नए साल में जनवरी 2022 से देश में 12 से 18 साल के बच्चों को कोरोना का टीका लग सकता है।
भारत बायोटेक की कोवैक्सीन की मंजूरी से देश में 12 से 18 साल के बच्चों के टीकाकरण के लिए रास्ता साफ हो गया है। केंद्र ने हाल में संसद को सूचित किया था कि कोविड-19 के लिए टीका देने के संबंध में राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह और प्रतिरक्षण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह 12-17 आयु वर्ग के किशोरों के टीकाकरण से संबंधित वैज्ञानिक प्रमाणों पर विचार कर रहे हैं। केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने 11 अक्टूबर को भारत बायोटेक के आपात इस्तेमाल के लिए आवेदन पर विचार करने के बाद कुछ शर्तों के साथ 2-18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों-किशोरों के लिए कोवैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी देने की सिफारिश की थी।
एक सूत्र ने बताया, ‘‘एसईसी की सिफारिशों का मूल्यांकन एक अन्य विशेषज्ञ समिति द्वारा किया गया था, जिसके बाद डीसीजीआई ने टीका निर्माता कंपनी से अतिरिक्त डेटा मांगा था।’’ एक अधिकारी ने बताया कि डीसीजीआई ने शुक्रवार को अपनी मंजूरी दे दी। डीसीजीआई ने मंजूरी आदेश में कहा गया कि एसईसी विशेषज्ञों की सिफारिश और मुहैया कराए गए अतिरिक्त सुरक्षा डेटा के आधार पर 12 साल से 18 साल के किशोरों के लिए टीके की अनुमति देने पर कोई आपत्ति नहीं है। हैदराबाद की टीका बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने 2 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों के बीच कोवैक्सीन टीके के इस्तेमाल के लिए दूसरे-तीसरे चरण के परीक्षणों को पूरा किया।इसके बाद कंपनी ने सीडीएससीओ को सत्यापन और आपातकालीन उपयोग मंजूरी के लिए अक्टूबर की शुरुआत में डेटा जमा किया था। घटनाक्रम पर भारत बायोटेक ने एक बयान में कहा, ‘‘कोवैक्सीन को इस तरह तैयार किया गया है ताकि वयस्कों और बच्चों को समान खुराक दी जा सके। कोवैक्सीन ने कोविड-19 के मूल स्वरूप और बाद के स्वरूपों के लिए वयस्कों में सुरक्षा और असर के लिए एक सिद्ध रिकॉर्ड दिखाया है। हमने बच्चों में उत्कृष्ट सुरक्षा और प्रतिरक्षा डेटा का दस्तावेजीकरण किया है। हम कोवैक्सीन के जरिए वयस्कों और बच्चों के लिए समान स्तर की सुरक्षा प्रदान करने को लेकर आशान्वित हैं।’’
बता दें कि, बच्चों की कोरोना वैक्सीन का फैसला ऐसे समय में आया है जब देशभर में ओमिक्रोन के 415 मामले सामने आ चुके हैं। सबसे अधिक मामले जहां महाराष्ट्र में सामने आए हैं, वहीं दूसरे नंबर पर दिल्ली है। हाल ही में आई अमेरिकी स्टडी में खुलासा हुआ था कि वैक्सीन की डोज बच्चों के लिए भी पूरी तरह सुरक्षित है। गौरतलब है कि अमेरिकी रेगुलेटर्स द्वारा मंजूर की गई फाइजर वैक्सीन की पहली डोज पिछले महीने नवंबर की शुरुआत से अमेरिका में 5-11 वर्ष की उम्र के 50 लाख से अधिक बच्चों को दी गई है। अब भारत में भी इसकी मंजूरी मिल गई है। देश में लगातार कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं। लंबे समय से बच्चों की वैक्सीन की मांग हो रही थी।
अमेरिका के अलावा ब्रिटेन ने भी बच्चों की टीकाकरण को मंजूरी दे दी थी। अभी तक भारत सरकार की संस्थाएं बच्चों की टीकाकरण को ज्यादा तरजीह नहीं दे रही थी। अब मंजूरी तो मिल गई है, लेकिन DGCI ने जोर देकर कहा है कि सिर्फ 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को ही कोवैक्सीन की डोज दी जाएगी। अभी तक 'कोविशील्ड' के बारे में कुछ नहीं बताया गया है।