Highlights
- बेंगलुरु में महंगी कारें पानी में तैर रहीं, घरेलू सामान बह गए
- कंपनियों के बड़े अधिकारी सुरक्षित स्थानों की ओर रवाना
Bengaluru rains: उत्तरी बेंगलुरु के ‘एप्सिलॉन’ इलाके में रहने वाले विभिन्न कंपनियों के कुछ टॉप अधिकारियों ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उन्हें अपने इलाके में बाढ़ का सामना करना पड़ेगा। दो दिनों की भारी बारिश के कारण आई बाढ़ के चलते विभिन्न कंपनियों के कई शीर्ष अधिकारी अपने ही घरों में फंस गए। इस बाढ़ की वजह से शहर के कई हिस्सों, विशेष रूप से सूचना प्रौद्योगिकी (IT) गलियारे और मुख्य सड़कों पर जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।
एप्सिलॉन में देश के जाने-माने कॉर्पोरेट्स से लेकर भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच राहुल द्रविड़ ने विला खरीदे हैं जिनकी कीमत करोड़ों है। एप्सिलॉन सोसायटी में विप्रो के चेयरमैन रिशद प्रेमजी, Byju's के कोफाउंडर बायजू रविंद्रन समेत कई अरबपतियों का घर है। एप्सिलॉन सेंट्रल बिजनस जिले से 13 किमी दूर स्थित है। यहां से गुजरने वाले लोग इसे निहारे बिना रह नहीं पाते हैं। फिलहाल यहां बंगलों के बाहर खड़ी लेक्सस, बेंटले, बीएमडब्ल्यू और रेंज रोवर जैसी कारें भी पानी में आधी डूबी हुई हैं।
एप्सिलॉन में एक बंगले की शुरुआती कीमत कम से कम 10 करोड़ रुपये है। हालांकि, नागवार के पास स्थित यह इलाका बाढ़ के दौरान नागवार झील का विस्तार प्रतीत होने लगा। महंगी कारें पानी में तैरने लगीं, घरेलू सामान बह गए और मान्यता टेकपार्क के पास स्थित इस इलाके के निवासी ट्रैक्टर और नावों के सहारे सुरक्षित स्थानों पर चले गए।
एक निर्माण स्टार्टअप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) विनोद कौशिक ने अपना घर खाली कर दिया और अपने परिवार के साथ ट्रैक्टर की मदद से सुरक्षित स्थान पर चले गए। घर खाली करने वालों में एक अन्य निकासी मीना गिरिसाबल्ला शामिल थीं जो पर्पलफ्रंट टेक्नोलॉजीज की संस्थापक और सीईओ हैं। उन्होंने अफसोस जताया कि बाढ़ का पानी उनके घरों में भर गया।
यह दिक्कत एप्सिलॉन इलाके तक ही सीमित नहीं थी। कई अन्य इलाकों में भी घरों में पानी भर गया, कारें और वाहन जलमग्न हो गए एवं लोगों को अपना सामान छोड़कर भागना पड़ा।
बारिश के कारण सड़कों पर कमर तक पानी भरा पड़ा है। बसें बंद पड़ गई और कारों में पानी भर जाने से ज्यादातर स्टार्ट होने की हालत में भी नहीं है। बाइक और स्कूटी से चलना सेफ नहीं रह गया, तो IT कंपनियों के कर्मचारी अब ट्रैक्टर से ऑफिस जा रहे हैं।