बेंगलुरु: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु देश का आईटी हब कहा जाता है। यह देश का सिलिकॉन वैली भी है। यहां आपको हर गली और चौराहे पर आईटी इंजीनियर और स्टार्टअप फाउंडर दिख जाएंगे। यहां लाखों लोगों के सपने पूरे होते हैं, लेकिन इस शहर में दिक्कतें भी कम नहीं हैं। यहां रहने के लिए सही दामों पर घर ढूंढना भूसे में सुई खोजने के समान है। यहां रहने वालों के लिए ट्रैफिक भी एक बहुत बड़ी समस्या है।
27 जुलाई को शहर के ऑटो, टैक्सी और निजी बसें हड़ताल पर रहेंगी
अब इन तमाम दिक्कतों के बीच यहां रहने वालों के लिए एक और परेशानी भरी हुई खबर है। टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, आगामी 27 जुलाई को शहर के ऑटो, टैक्सी और निजी बसें हड़ताल पर रहेंगी। रिपोर्ट के अनुसार, निजी बस ऑपरेटरों, पर्यटक ऑपरेटरों, ऑटो-रिक्शा और टैक्सी चालकों का प्रतिनिधित्व करने वाले 20 से अधिक संगठनों ने राज्य सरकार पर अपनी शिकायतों को दूर करने के लिए दबाव बनाने के लिए 27 जुलाई को हड़ताल करने का फैसला किया है।
महिलओं की मुफ्त बस यात्रा ने बढ़ाई परेशानी
फेडरेशन ऑफ कर्नाटक स्टेट प्राइवेट ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के एस नटराज शर्मा ने कहा कि सरकार की महिलाओं को सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा की योजना ने उनके व्यापार पर ख़राब असर डाला है। बता दें कि राज्य सरकार की शक्ति योजना के तहत राज्य की महिला यात्री सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा कर सकती हैं। इस योजना के लागू होने के बाद 11 जुलाई तक राज्य में चार राज्य-संचालित बस निगमों ने सामूहिक रूप से 5.57 मिलियन महिला यात्रियों ने यात्रा की है। इसका किराया लगभग ₹13.40 करोड़ रुपए प्रतिदिन होगा।
शहर के अंदर बाइक टैक्सी पर रोक लगाने की भी मांग
एस नटराज शर्मा ने कहा, “सरकार द्वारा महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा की अनुमति देने वाली शक्ति योजना शुरू करने के बाद निजी बस ऑपरेटरों को बहुत नुकसान हुआ है। हम मांग कर रहे हैं कि सरकार इस योजना को निजी बस ऑपरेटरों तक बढ़ाए ताकि इस वजह से हमें नुकसान ना हो।" इस बंद के साथ-साथ संगठन ने सरकार के सामने कई अन्य मांगे भी रखी हैं। जिसमें नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा और शहर के अंदर बाइक टैक्सी पर रोक लगाने की भी मांग की गई है। वहीं हड़ताल के दिन संगठन रैली का भी आयोजन करेगा, जोकि क्रांतिवीरा संगोल्ली रायन्ना रेलवे स्टेशन से शुरू होकर फ्रीडम पार्क पर तक जाएगी।