Highlights
- बाड़मेर के पास विमान दुर्घटना में मारे गए थे दो पायलट
- मिग-21 विमान को उड़ा रहे थे दोनों पायलट
- मिग-21 जेट के पूरे बेड़े को तत्काल सेवामुक्त करने की मांग की
Barmer Plane Crash: भारतीय वायु सेना के पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट अद्वितीय बल के परिजन विमान हादसे में उनकी मौत को लेकर गहरे सदमे में हैं लेकिन उन्हें इस बात का इससे ज्यादा अफसोस है कि अद्वितीय ‘दुश्मनों से लड़ते हुए शहीद होने’ के बजाय, एक ‘पुराने’ विमान को उड़ाते हुए मारा गया। फ्लाइट लेफ्टिनेंट बल, उन दो पायलटों में से थे जिनकी गुरुवार को विमान दुर्घटना में मौत हो गई। बल के रिश्तेदार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से आग्रह किया है कि पुराने पड़ चुके मिग-21 जेट विमानों के पूरे बेड़े को तत्काल सेवामुक्त कर दिया जाए ताकि और युवाओं की जान न जाए।
मिग-21 के बेड़े को सेवामुक्त कर दिया जाए
बाड़मेर के पास गुरुवार रात को हुई विमान दुर्घटना में बल के अलावा हिमाचल प्रदेश के निवासी विंग कमांडर एम राणा की भी मौत हो गई थी। बल के रिश्तेदार और पूर्व सैन्यकर्मी करमवीर ने कहा, “हमारा बच्चा युद्ध में दुश्मनों से लड़ने के लिए उत्साहित रहता था लेकिन दुर्घटना में उसकी मृत्यु होने के बाद उसका सपना पूरा नहीं हो सका।” उन्होंने कहा, “मैं प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री से अनुरोध करना चाहता हूं कि मिग-21 (के बेड़े) को सेवामुक्त कर दिया जाए ताकि और युवाओं की जान न जाए।”
युवाओं के लिए प्रेरणा थे अद्वितीय बल
अद्वितीय बल के परिजनों को सांत्वना देने के लिए जम्मू के विभिन्न भागों से आए लोग आर एस पुरा शहर के जिन्दरमेहलू गांव में स्थित उनके घर पर एकत्र हुए। उनमें से कई ने कहा कि गांव के बच्चों के लिए अद्वितीय बल “नई पीढ़ी के आदर्श हैं” और उन्हें फ्लाइट लेफ्टिनेंट के बलिदान पर गर्व है। NDA की परीक्षा की तैयारी कर रहे संजय सिंह ने कहा, “वह हमारे लिए आदर्श थे। बचपन से ही वह एक लड़ाकू पायलट बनना चाहते थे।” अद्वितीय बल के पिता ने भी सेना में सेवा दी थी।
सुरक्षा को लेकर मिग-21 का रिकॉर्ड बेहद खराब
वायुसेना मुख्यालय दुर्घटना की जांच के आदेश दे चुका है। मिग-21, भारतीय वायु सेना के प्रमुख विमानों में से एक रहे हैं लेकिन पिछले काफी समय से इन विमानों का सुरक्षा रिकॉर्ड खराब है। मार्च में रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने राज्यसभा में कहा था कि पिछले पांच वर्षों के दौरान तीनों सेनाओं में विमान और हेलीकॉप्टर दुर्घटना में 42 रक्षाकर्मियों की मौत हो चुकी है। गत पांच वर्षों में वायु दुर्घटनाओं की कुल संख्या 45 थी जिसमें से 29 में वायुसेना के कर्मी शामिल थे।