Friday, November 22, 2024
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Banke Bihari Mandir: मथुरा में बनेगा 'बांके बिहारी कॉरीडोर', उत्तर प्रदेश सरकार ने बनाई ये बड़ी योजना, काशी जैसा होगा नजारा

Banke Bihari Mandir: कृष्ण भक्तों के लिए एक अच्छी खबर है। मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को अब परेशानियों से नहीं लड़ना होगा। उत्तर प्रदेश के एक मंत्री ने कहा है कि बांके बिहारी मंदिर को भी काशी विश्वनाथ कॉरीडोर के तर्ज पर ही बांके बिहारी कॉरीडोर बनाया जाएगा।

Edited By: Ravi Prashant @iamraviprashant
Updated on: August 24, 2022 13:47 IST
Banke Bihari Mandir Mathura- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Banke Bihari Mandir Mathura

Highlights

  • 2 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी
  • मंदिर के परिसर में 800 लोगों के बैठने की क्षमता है
  • इस मंदिर के विस्तार करने में 248 करोड रुपए खर्च होंगे

Banke Bihari Mandir: कृष्ण भक्तों के लिए एक अच्छी खबर है। मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को अब परेशानियों से नहीं लड़ना होगा। उत्तर प्रदेश के एक मंत्री ने कहा है कि बांके बिहारी मंदिर को भी काशी विश्वनाथ कॉरीडोर के तर्ज पर ही बांके बिहारी कॉरीडोर बनाया जाएगा। इस बार कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर लाखों की संख्या में बांके बिहारी मंदिर में श्रद्धालु पहुंचे थे। इसी दौरान भगदड़ मच गई, जिसमें 2 श्रद्धालुओं की मौत हो गई जबकि कई घायल हो गए थे। स्थानीय लोगों के अनुसार, मंदिर परिसर की क्षमता से अधिक श्रद्धालु परिसर में इकट्ठे हो गए थे। 

कितने लोग अंदर मौजूद हो सकते हैं? 

बांके बिहारी मंदिर के परिसर में 800 लोगों के बैठने की क्षमता है। इस मंदिर की क्षेत्रफल की बात करें तो 680 मीटर वर्ग में फैला हुआ है। अब राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि जैसे काशी में सीधे गंगा नदी से भगवान भोलेनाथ की दर्शन करने के लिए श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश करते हैं, उसी प्रकार से सरयू नदी से स्नान करके श्रद्धालु बांके बिहारी मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे। इसके लिए सरकार ने 665 वर्ग मीटर जमीन का अधिग्रहण करने का प्रस्ताव दिया है। इसके अलावा 50000 लोगों की बैठने की क्षमता भर यह परिसर बनाने का प्लान है। इसके साथ ही साथ विद्यापीठ से पहुंचने वाले मंदिर वाली गली नंबर 4 और परिक्रमा मार्ग से मंदिर पहुंचने वाले रास्ते को भी चौड़ा किया जाएगा। इस निर्माण में जो भी खर्च आएंगे वह मंदिर के ट्रस्ट से ही लिए जाएंगे। अनुमान है कि इस मंदिर का विस्तार करने में 248 करोड रुपए खर्च होंगे। 

क्या कहा सरकार के मंत्री ने?
उत्तर प्रदेश सरकार के गन्ना विकास और चीनी उद्योग मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि बांके बिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं की लगातार संख्या बढ़ती जा रही है। भविष्य में यह संख्या बड़ी हो सकती है। ऐसे में यहां भी एक कॉरिडोर बनाने की जरूरत है जिस तरह से बनारस में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनाया गया है। ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानियों का सामना ना करना पड़े और वह भगवान कृष्ण के दर्शन आसानी से कर सकें।  

क्या है इस मंदिर का इतिहास?
इस मंदिर का निर्माण स्वामी श्री हरिदास ने 1921 में कराया गया था। आपको बता दें कि बांके बिहारी मंदिर वृंदावन के ठाकुर के मुख्य 7 मंदिरों में से एक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि मुगल काल में एक हिंदू पुजारी ने इसी स्थान पर मूर्ति को छिपाया था। स्वामी हरिदास इसी मार्ग से गुजर रहे थे तब वह विश्राम के लिए रुके थे, तभी सपने में भगवान कृष्ण ने आकर उनसे कहा कि हमें यहां से निकालो। तब हरिदास ने भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति को निकालकर वहां स्थापना की। स्वामी हरिदास उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के रहने वाले थे। ऐसा कहा जाता है कि श्री हरिदास बचपन से ही पूजा-पाठ और शास्त्र ज्ञान में काफी रूचि रखते थे जबकि इनके उम्र के बच्चे खेलने में समझ जाया करते थे। उनका विवाह हरीमती नामक स्त्री से हुआ था। जो खुद ध्यान और संस्कृति में विलीन रहती थी। हरीमती जी को भी यह ज्ञान हो गया कि स्वामी हरिदास कोई आम इंसान नहीं है। जब स्वामी हरिदास ने वृंदावन में कदम रखा था तो आज वर्तमान में जैसे आप वृंदावन को देख रहे हैं, उस समय चारों तरफ जंगल ही जंगल था। 

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