Highlights
- बनास डेयरी ने आंध्र प्रदेश में चिलिंग सेंटर शुरू किया है और इससे इसकी पहुंच सूबे के 6 जिलों में हो जाएगी।
- चेयरमैन शंकर भाई चौधरी के नेतृत्व में बनास डेयरी की यह एक और बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
- पशुपालकों को ज्यादा से ज्यादा लाभ देने की नीयत से बनास डेयरी की टीम चेयरमैन के नेतृत्व में आगे बढ़ रही है।
Banas Dairy Andhra Pradesh: एशिया की सबसे बड़ी दुग्ध उत्पादक बनास डेयरी ने अपनी पहुंच अब दक्षिण भारत में भी मजबूत करनी शुरू कर दी है। डेयरी ने आंध्र प्रदेश में चिलिंग सेंटर शुरू किया है और इससे इसकी पहुंच सूबे के 6 जिलों में हो जाएगी। चेयरमैन शंकर भाई चौधरी के नेतृत्व में बनास डेयरी की यह एक और बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। बता दें कि नरेंद्र मोदी के गुजरात की बागडोर संभालने के बाद से डेयरी ने काफी विकास किया है।
डेयरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में, चेयरमैन शंकरभाई चौधरी के नेतृत्व में बनासकांठा की ही तरह देश के अन्य राज्यों के किसानो को भी आत्मनिर्भर बनाने और पशुपालन के व्यवसाय द्वारा आर्थिक सक्षम बनाने के लिए एशिया की सबसे बड़ी और श्रेष्ठ दुग्ध उत्पादक बनास डेयरी भागीरथ कार्य कर रही है।
आंध्र प्रदेश सरकार और गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन के सहयोग से बनास डेरी जल्द ही आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम के नजदीक में अच्युतपुरम में पैकेजिंग प्लांट की शुरुआत कर अमूल बनास प्रोडक्ट्स की बिक्री बढ़ाने की आज से शुरुआत की है। अनाकापल्ली जिला कलेक्टर, बनास डेयरी के जनरल मेनेजर प्रफुल्ल भानवडिया एवं प्रोडक्शन मेनेजर उमेश पारीख की उपस्थिति में मिल्क चिलिंग सेण्टर शुरू किया गया है।
आने वाले समय में आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम, श्री काकुलम, विजयानगरम, काकीनाडा, कोनासिमा, अनकापल्ली जैसे 6 जिलों में अमूल बनास के उत्पादों का स्वाद पहुंचेगा। चेयरमैन शंकरभाई चौधरी के नेतृत्व में आंध्र प्रदेश में डेयरी उद्योग विकास को गति देने हेतु आने वाले समय में 5 चिलिंग सेंटर बनाने का काम शुरू किया जायेगा। पशुपालकों को ज्यादा से ज्यादा लाभ देने की नीयत से बनास डेयरी की टीम चेयरमैन चौधरी के नेतृत्व में आगे बढ़ रही है।