Highlights
- पीएफआई पर प्रतिबंध का केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन ने किया स्वागत
- सरकार देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को सुनिश्चित कर रही है: मुरलीधरन
Ban On PFI: भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन ने 'पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया' (पीएफआई) व उससे संबद्ध कई अन्य संगठनों पर प्रतिबंध लगाए जाने के केंद्र सरकार के निर्णय की बुधवार को सराहना की। उन्होंने कहा कि यह कदम दर्शाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार उन ताकतों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करती है, जिनका उद्देश्य देश में शांति व स्थिरता को बाधित करना होता है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता और आईएसआईएस जैसे आतंकवादी संगठनों से संबंध होने के कारण बुधवार को पीएफआई व उससे संबद्ध कई अन्य संगठनों पर पांच वर्ष का प्रतिबंध लगा दिया। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं। पीएफआई पर प्रतिबंध इस तथ्य को दोहराता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार उन ताकतों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करती है, जिनका उद्देश्य देश में शांति व स्थिरता को बाधित करना होता है।’’
'सरकार सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है'
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘पूरा देश इस निर्णय का स्वागत करता है।’’ केरल में पीएफआई की सक्रियता और उसकी गतिविधियों के खिलाफ मुरलीधरन प्राय: आवाज उठाते रहे हैं। पीएफआई पर प्रतिबंध को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से मंगलवार देर रात जारी एक अधिसूचना में कहा गया इस संगठन के कुछ संस्थापक सदस्य ‘स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया’ (सिमी) के नेता हैं और पीएफआई के जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) से भी जुड़े हैं। जेएमबी और सिमी दोनों ही प्रतिबंधित संगठन हैं।
PFI के कुछ कार्यकर्ता अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय
अधिसूचना में कहा गया कि पीएफआई के ‘इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया’ (आईएसआईएस) जैसे आतंकवादी संगठनों के साथ संबंधों के भी कई मामले सामने आए हैं। अधिसूचना में दावा किया गया कि पीएफआई और उसके सहयोगी या मोर्चे देश में असुरक्षा होने की भावना फैलाकर एक समुदाय में कट्टरता को बढ़ाने के लिए गुप्त रूप से काम कर रहे हैं, जिसकी पुष्टि इस तथ्य से होती है कि पीएफआई के कुछ कार्यकर्ता अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय आतंकवादी संगठनों में शामिल हुए हैं।