Highlights
- ऑनलाइन अभियान के तहत 50 लाख युवाओं को जोड़ेगा बजरंग दल
- वर्तमान में बजरंग दल के साथ 24 लाख लोग जुड़े हुए हैं
- 15 से 35 वर्ष की आयु तक के हिन्दू युवा कर सकते है ज्वाइन
Bajrang Dal: RSS से जुड़े विश्व हिंदू परिषद की यूथ विंग बजरंग दल ने देश के 50 लाख युवाओं को अपने साथ जोड़ने के लिए नवंबर में बड़े पैमाने पर ऑनलाइन अभियान चलाने का फैसला किया है। बजरंग दल खासतौर से 15 से 35 वर्ष की आयु तक के युवाओं को अपने साथ जोड़ना चाहता है। 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव के मद्देनजर बजरंग दल के इस अभियान को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वर्तमान में बजरंग दल के साथ 24 लाख के लगभग लोग जुड़े हैं और अगर देश के 50 लाख युवा और इसके साथ जुड़ जाते हैं तो 74 लाख की सदस्य संख्या और वो भी खासतौर से युवाओं की संख्या के बल पर बजरंग दल चुनाव को बड़े पैमाने पर प्रभावित कर सकता है।
तो क्या वाकई 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव के मद्देनजर बजरंग दल ने संगठन के विस्तार की यह योजना बनाई है?
बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक नीरज दोनेरिया ने कहा कि बजरंग दल 1984 से काम कर रहा है और उनके संगठन का राजनीति और चुनावों से कोई लेना-देना नहीं है। बजरंग दल ने देश की सेवा, सुरक्षा व संस्कार का ध्येय लिया है और इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए दल हिंदू युवाओं को अपने साथ जोड़कर संगठित और जागृत कर रहा है। उन्होंने कहा कि बजरंग दल देव-भक्ति से देश-भक्ति महिला सम्मान से राष्ट्रीय स्वाभिमान तथा पलायन नहीं, पराक्रम के मंत्रों पर भारत के युवाओं को लाने की कोशिश कर रहा है और इसके लिए साहस, शौर्य व पराक्रम के साथ उनके शारीरिक, मानसिक तथा बौद्धिक क्षमता के विकास के लिए दल उन्हें पूरी तरह से प्रशिक्षित भी करेगा।
जॉइन बजरंगदल अभियान का होगा शुभारंभ
विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय महा मंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि देश के युवा आज बड़े पैमाने पर बजरंग दल के साथ जुड़कर देश, धर्म और संस्कृति के लिए काम करना चाहते हैं इसलिए इस जॉइन बजरंगदल अभियान का शुभारंभ किया जा रहा है ताकि देशभर के युवाओं को इसके साथ जुड़ने में आसानी हो। उन्होंने बताया कि इस विशेष अभियान के तहत 15 से 35 वर्ष की आयु तक के हिन्दू युवा विहिप की ऑफिसियल वेब साइट पर जा कर जॉइन बजरंगदल अभियान आइकॉन को क्लिक कर जुड़ सकते हैं। इसके बाद उनके कार्यकर्ता ऐसे युवाओं से संपर्क कर उन्हें उनकी रुचि, योग्यता तथा समय की उपलब्धता के आधार पर राष्ट्र-धर्म के कार्यों से जोडने का प्रयास करेंगे।