भोपाल: कुछ दिनों पहले बागेश्वर धाम वाले पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने साईं बाबा को लेकर एक विवादित बयान दिया था। इस बयान के बाद देशभर में उनका विरोध कर रहे थे। महाराष्ट्र में तो उनका बड़े स्तर पर विरोध हो रहा था। साईं बाबा मंदिर के एक पूर्व तरसती ने उनके खिलाफ FIR दर्ज करने की भी मांग की थी। मामला बढ़ता हुआ देखते हुए बागेश्वर बाबा ने अब एक ट्वीट कर अपनी सफाई पेश की है। ट्वीट में उन्होंने कहा है कि उनकी मंशा किसी की भी भावनाओं को ठेस पहुंचाने की नहीं थी। अगर फिर भी किसी को ठेस लगी है तो उन्हें इसका खेद है।
जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल जबलपुर के पनागर में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपनी सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के आखिरी दिन लोगों से संवाद के दौरान एक प्रश्न के जवाब में साईं बाबा पर विवादास्पद बयान दिया था। एक डॉक्टर शैलेंद्र राजपूत ने बाबा से सवाल पूछा था, "हमारे हिंदुस्तान में बहुत सारे लोग साईं भक्त है। महाराष्ट्र में भी, साउथ में भी बहुत साईं भक्त है। लेकिन सनातन साईं भगवान मूर्ति पूजा को नकारता नज़र आता है जबकि साईं की पूजा पूरी सनातनी पद्धति से होती है।"
बाबा बागेश्वर ने इसका जवाब देते हुए कहा था, "हमारे धर्म के शंकराचार्य जी ने साईं बाबा को देवताओं का स्थान नहीं दिया है और शंकराचार्य की बात मानना प्रत्येक सनातनी का धर्म है। वह अपने धर्म के प्रधानमंत्री हैं औऱ कोई भी संत चाहे वो हमारे धर्म पंथ के हो या फिर, गोस्वामी तुलसीदास जी हों या सूरदास जी हों, संत हैं महापुरुष है, युगपुरुष है, कल्पपुरूष हैं लेकिन भगवान नहीं हैं।" पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने आगे कहा था कि, "लोगों की अपनी अपनी निजी आस्था है और किसी की आस्था को हम ठेस नहीं पहुंचा सकते इतना कह सकते है साईं बाबा संत हो सकते हैं, फकीर हो सकते हैं पर भगवान नहीं हो सकते।"
'गीदड़ की खाल पहन कर कोई शेर नहीं बन सकता'
उन्होंने कहा था, "अब आपने कहा हिंदू धर्म से पूजा होती है वैदिक धर्म से पूजा होती है। देखो भाई ऐसा बोलूंगा तो लोग इसको कॉन्ट्रोवर्सी में ले लेंगे लेकिन यह बोलना भी जरूरी है। गीदड़ की खाल पहन कर कोई शेर नहीं बन सकता है। बागेश्वर धाम सरकार मान ले कि हम शंकराचार्य जी का छत्र लगा ले और सिंघासन लगवा लें और चरम लगा लेंगे और कह दें कि हां भाई शंकराचार्य बैठे हैं तो क्या हम बन जाएंगे नहीं। नहीं न।" उन्होंने कहा, भगवान भगवान है और संत संत हैं। तो साई के प्रति हमारा क्या आदर है। आप इसमें न पड़ना न पूछना पर साईं भगवान नहीं हैं। ऐसा हमारे शंकराचार्य कहते हैं और उन के ऊपर आप सवाल नहीं उठा सकते हैं।"
देशभर में छिड़ गया था विवाद
बस इसी बयान के चलते देश के तमाम हिस्सों की तरह महाराष्ट्र में भी विवाद छिड़ गया था। साईं भक्तों में खासी नाराजगी देखी गई थी। मुंबई के बांद्रा में शिवसेना उद्धव गुट के युवा सेना के नेता और शिर्डी साईं संस्थान के पूर्व ट्रस्टी राहुल कलाल ने शिकायत दर्ज कराई थी और मुंबई पुलिस से धीरेंद्र शास्त्री पर FIR दर्ज करने की मांग की थी। राहुल कनाल ने कहा था बागेश्वर धाम के पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने साईं बाबा को लेकर जो बयान दिया है उससे साईं के करोड़ों भक्तों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।
आज ट्वीट कर दी सफाई
जिसके बाद बाबा ने आज से 2 दिन के शुरू हुए मानस सम्मेलन के दौरान ट्वीट किया। उन्होंने ट्वीट में लिखा, "मेरा हमेशा संतों के प्रति महापुरुषों के प्रति सम्मान है और रहेगा मैंने कोई एक कहावत बोली जो हम अपने संदर्भ में बोल रहे थे कि अगर हम छतरी पीछे लगाकर कहें कि हम शंकराचार्य हैं तो ये कैसे हो सकता है…हमारे शंकराचार्य ने जो कहा वो हमने दोहराया कि साईं बाबा संत फ़क़ीर हो सकते हैं और उनमें लोगों की निजी आस्था है अगर कोई व्यक्ति किसी संत गुरु को निजी आस्था से भगवान मानता है वह उसकी निजी आस्था है, हमारा इसमें कोई विरोध नहीं…हमारे किसी शब्द से किसी के हृदय को ठेस पहुंची तो उसका हमें दिल की गहराइयों से दुख है और खेद है।"
जाहिर है बाबा के खेद व्यक्त कर लेने के बाद साईं बाबा के समर्थकों में कुछ हद तक नाराजगी कम होगी। दरअसल बाबा के खेद व्यक्त करने के पीछे बड़ा कारण भी है। बाबा जानते हैं जिस हिंदुत्व के एजेंडे को लेकर वह चल रहे हैं, उनके इस बयान के चलते साईं बाबा को मानने वाले काफी बड़ी संख्या में हिंदू उनसे दूर जा सकते हैं।
महाराष्ट्र गुजरात और दक्षिणी राज्यों समेत मध्यप्रदेश में भी साईं बाबा को मानने वाले काफी हिंदू हैं ऐसे में बाबा ने डैमेज होने से पहले ही डैमेज कंट्रोल करते हुए खेद व्यक्त कर दिया है।
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