भोपाल: भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने,रामचरितमानस को भारत का राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने जैसे बयानों के चलते महज तीन महीनों में चर्चा में आए बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक बार फिर से चर्चा में है। लेकिन इस बार चर्चा में आने की वजह अपने दिव्य दरबार में भक्तों की मन की बात पहले से ही पर्ची में लिख लेने की वजह से नहीं बल्कि उनके खिलाफ छिंदवाड़ा के आयुर्वेदाचार्य का दिया गया ओपन चैलेंज है।
मेरे मन की बात बता दें, एक करोड़ का चेक दूंगा
दरअसल, छिंदवाड़ा के डॉक्टर प्रकाश टाटा के मुताबिक उन्होंने टीवी और सोशल मीडिया के माध्यम से देखा है कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने मंच से भूत-प्रेत-जिन्न और मसानों को भगाते हैं जो कि अंधविश्वास है। वहीं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री मंच के माध्यम से लोगों की बातें जो प्राइवेट होती है उसे भी सार्वजनिक कर देते हैं, जो बहुत गलत है। इसलिए मैं उन्हें 1 करोड़ रुपए का चेक दूंगा अगर वह मेरे मन की बात बता देंगे।
अगर नहीं बता पाए तो 11 लाख रुपये देने होंगे
इसके लिए मैं एक लेटर लिख लिखूंगा अगर वह भी सेम लेटर लिख कर देंगे तो मैं 1 करोड़ रुपए का चेक दूंगा। अगर वह नहीं बता पाए तो उन्हें सिर्फ मुझे 11 लाख रुपए देने हैं जो मैं नागपुर के पास हनुमान जी की जन्मस्थली कही जाने वाली अंजनेरी की सड़कों के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री कोष में दूंगा। आयुर्वेदाचार्य डॉ प्रकाश टाटा ट्वीट के जरिए अपने इस वीडियो में बताते हैं कि वह आत्मसम्मान मंच के माध्यम से अपने इस चेलेंज को देश को बता रहे हैं।
इससे पहले श्याम मानव ने दिया था चैलेंज
यह पहली बार नहीं है जब बागेश्वर धाम सरकार कहे जाने वाले पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को ओपन चैलेंज मिला है। इससे पहले नागपुर में 40 सालों से काम कर रही अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के श्याम मानव ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को 30 लाख रुपये का चैलेंज दिया था। श्याम मानव ने कहा था कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री दिव्य दरबार में भक्तों के नाम और नंबर से चीजें बताने का दावा करते हैं। हमारी समिति अपने 10 लोगों को धीरेन्द्र शास्त्री के सामने लेकर जाएगी उन्हें अपने अंतर्ज्ञान से उनका लोगों का नाम, नंबर, उम्र और पिता का नाम बताना था। साथ ही अलग कमरे में 10 चीजें रखने पर उन 10 चीजों को पहचानना था।
नागपुर का कार्यक्रम छोड़कर चले गए थे धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री
श्याम मानव के मुताबिक अगर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 90 फ़ीसदी चीजों को सही बताते तो समिति उन्हें 30 लाख रुपए का प्राइज देती। इसके लिए उन्हें 3 लाख डिपाजिट करना होता। श्याम मानव के मुताबिक धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने उनकी चुनौती नहीं स्वीकारी और वह कार्यक्रम छोड़ नागपुर से चले गए थे।
श्याम मानव को रायपुर आने को कहा था
इसके महज चंद दिनों बाद बाबा बागेश्वर रायपुर के हनुमान मंदिर मैदान में प्रकट हुए और श्याम मानव की चुनौती का जवाब देते हुए कहा कि यदि आजमाना हो तो रायपुर के दिव्य दरबार में आ जाएं। किराया खर्चा हम देंगे। तुम्हारी ठठेरी हम बार देंगे। हम वाद-विवाद को उत्तर इसलिए नहीं देते क्योंकि हाथी चले बाजार कुत्ते भोंके हजार। हालांकि छिंदवाड़ा के इन आयुर्वेदाचार्य के 1 करोड़ रुपए के चैलेंज का जवाब अब तक बागेश्वर धाम सरकार की तरफ से नहीं आया है लेकिन साफ हो गया है कि बाबा अभी चर्चा में बने रहने वाले हैं।
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