सागर: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अक्सर अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहते हैं। इस बार वह इसलिए चर्चा में हैं क्योंकि सागर में उनकी भागवत कथा के दौरान करीब 95 लोगों ने धर्म परिवर्तन किया है। इन लोगों ने धीरेंद्र शास्त्री से आशीर्वाद लेकर घर वापसी की है और इनका कहना है कि उन्होंने लालच की वजह से ईसाई धर्म अपना लिया था और अब भागवत कथा सुनकर फिर से सनातन धर्म में वापस आ गए हैं।
इस मामले पर क्या बोले धीरेंद्र शास्त्री?
ईसाई धर्म से सनातन धर्म में वापसी करने वाले लोगों पर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि सनातन धर्म से विमुख हुए लोगों की घर वापसी का अभियान जारी रहेगा। जब तक जिंदा रहूंगा, अभियान चलता रहेगा। बता दें कि बारिश के बाद भी सागर के बहेरिया में चल रही भागवत कथा के आखिरी दिन हजारों लोगों की भीड़ जुटी थी।
हयवंशी क्षत्रिय समाज पर टिप्पणी से हुआ था हंगामा
हालही में धीरेंद्र शास्त्री उस समय चर्चा में आए थे, जब उन्होंने हयवंशी क्षत्रिय समाज के आराध्य देव राजराजेश्वर सहस्त्र बाहू महाराज पर टिप्पणी की थी। इसे लेकर हैहयवंशी समाज एमपी से लेकर छत्तीसगढ़ तक थाने में शिकायत दर्ज करा रहा था। दरअसल, परशुराम जयंती के मौके पर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने भक्तों से सोशल मीडिया के माध्यम से जुड़े हुए थे और तमाम प्रश्नों के जवाब दे रहे थे।
इसी दौरान उन्होंने भगवान परशुराम के बारे में बताना शुरू किया और कहा कि ये क्षत्रिय अचानक से प्रकट कहां से हो जाते थे, इस पर थोड़ी सी चर्चा करते हैं। सहस्त्रबाहु जिस वंश से था, उस वंश का नाम था हैहय वंश। हैहय वंश के विनाश के लिए भगवान परशुराम ने फरसा अपने हाथ में उठाया। हैहय वंश का राजा बड़ा ही कुकर्मी, साधुओं पर अत्याचार करने वाला था। बाबा बागेश्वर का यही बयान देशभर में हैहय वंश समाज को नागवार गुजरा। एमपी के सीहोर में हैहय वंश समाज ने थाना कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई और चेतावनी दी कि अगर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री माफी नहीं मांगेंगे तो पूरे देश में FIR दर्ज कराई जाएगी। (सागर से टेकराम ठाकुर की रिपोर्ट)
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