मुंबई: अयोध्या के धन्नीपुर गांव में प्रस्तावित मस्जिद के ‘फर्स्ट लुक’ का गुरुवार को मुंबई में अनावरण हुआ। रिपोर्ट्स के मुताबिक, राम जन्मभूमि विवाद में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत धन्नीपुर में मिली जमीन पर बनी इस मस्जिद में मुगल बादशाह बाबर का कोई निशान नहीं होगा। इस मस्जिद का डिजाइन मशहूर आर्किटेक्ट इमरान शेख ने बनाया है और इसका नाम ‘मोहम्मद बिन अब्दुल्ला मस्जिद’ होगा। इस मस्जिद में एक साथ 9 हजार लोग नमाज पढ़ सकते हैं। खास बात यह है कि मस्जिद की पहली मंजिल पर एक साथ 4 हजार महिलाएं भी नमाज पढ़ सकती हैं।
‘मस्जिद के लिए पहली ईंट मुंबई से अयोध्या जाएगी’
इस मस्जिद की मीनार 11 किलोमीटर दूर से दिखाई देगी, और इसकी उंचाई 300 फीट से ज्यादा होगी। मस्जिद के लिए आवंटित जमीन पर इबादतगाह के अलावा लॉ कॉलेज, मेडिकल कॉलेज और इंजिनियरिंग कॉलेज का भी निर्माण होगा। इस मस्जिद के लिए पहली ईंट मुंबई से अयोध्या जाएगी जिसे यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड के प्रमुख जुफर फारुकी को सौंपा गया है। बीजेपी नेता हाजी अराफत ने IICF ट्रस्ट के साथ मिलकर मस्जिद बनाने का खाका तैयार किया है। बता दें कि बीजेपी नेता हाजी अराफात शेख की पहल पर ही विभिन्न मुस्लिम संप्रदायों का AIRM सम्मेलन मुंबई में बुलाया गया था।
‘हम मुसलमान बाबर को मानने वाले नहीं हैं’
इस मौके पर बोलते हुए हाजी अराफात ने कहा, ‘आर्किटेक्ट ने मुझसे पूछा था की मस्जिद कैसी होनी चाहिए? मैंने उन्हें कहा कि ये मस्जिद सवाल का जवाब होनी चाहिए।’ अराफात ने आगे कहा, ‘हमारे कई लोग मर गए। बच्चे मारे गए। ये मरे हुए बेकसुर लोग आज भी मुक्ति की तलाश में हैं। जो बेकसूर मारे गए, उनके लिए इस मस्जिद में पहले दिन दुआ पढ़ी जाएगी। हम मुसलमान बाबर को मानने वाले नहीं हैं। हम गरीब नवाज को मानने वाले लोग हैं। नबी को मानने वाले हैं।’
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में दी थी 5 एकड़ जमीन
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में नई मस्जिद के निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था। अतिरिक्त सुविधाएं प्रदान करने के लिए इसके अलावा 6 एकड़ जमीन और खरीदने की योजना है। हाजी अराफात शेख ने कहा कि 'मुहम्मद बिन अब्दुल्ला मस्जिद' के परिसर का काम, विभिन्न समूहों के बीच कुछ मतभेदों की वजह से विलंबित हो गया था। उन्होंने कहा कि अब जल्द ही धन्नीपुर स्थल पर काम शुरू होने वाला है। इस मस्जिद के निर्माण के लिए पैसे डोनेट की अपील भी स्टेज से की गई।