Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. 'खालिस्तानी जनमत संग्रह को कानूनी मान्यता नहीं देगा ऑस्ट्रेलिया', ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त बैरी ओ फैरेल ने किया स्पष्ट

'खालिस्तानी जनमत संग्रह को कानूनी मान्यता नहीं देगा ऑस्ट्रेलिया', ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त बैरी ओ फैरेल ने किया स्पष्ट

भारत की संप्रभुता के प्रति ऑस्ट्रेलिया के अटूट सम्मान पर जोर देते हुए ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त बैरी ओ फैरेल ने सोमवार को स्पष्ट किया कि उनके देश में खालिस्तान के जनमत संग्रह का कोई कानूनी आधार नहीं है।

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published : Mar 06, 2023 23:27 IST, Updated : Mar 07, 2023 6:17 IST
ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त बैरी ओ फैरेल
Image Source : ANI FILE ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त बैरी ओ फैरेल

News Delhi: भारत की संप्रभुता के प्रति ऑस्ट्रेलिया के अटूट सम्मान पर जोर देते हुए ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त बैरी ओ फैरेल ने सोमवार को स्पष्ट किया कि उनके देश में खालिस्तान के जनमत संग्रह का कोई कानूनी आधार नहीं है। यहां पत्रकारों से बात करते हुए ओ फैरेल ने कहा कि ब्रिस्बेन सहित धार्मिक पूजा स्थलों पर तोड़-फोड़ की घटनाओं से ऑस्ट्रेलियाई लोग भयभीत हैं। ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त ने कहा, “पुलिस इन घटनाओं के लिये जिम्मेदार लोगों को पकड़ने की सक्रियता से कोशिश कर रही है।” उन्होंने कहा, “भारतीय संप्रभुता के प्रति ऑस्ट्रेलिया का सम्मान अटूट है।” उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने स्पष्ट किया है कि खालिस्तान द्वारा कराए जा रहे जनमत संग्रह को “ऑस्ट्रेलिया या भारत में कोई कानूनी मान्यता नहीं है”। 

उनकी कड़ी टिप्पणियां ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज की भारत की राजकीय यात्रा से कुछ दिन पहले आई है। यात्रा के दौरान अल्बनीज अपने भारतीय समकक्ष नरेन्द्र मोदी के साथ व्यापक वार्ता करेंगे। ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तान समर्थक तत्वों की बढ़ती गतिविधियों के बीच सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) जैसे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के सदस्यों द्वारा भी उन्हें सक्रिय रूप से सहायता मिली व उकसाया गया। 

जनवरी में कैनबरा में भारतीय उच्चायोग ने ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों से वहां रह रहे भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा था। कथित तौर पर खालिस्तान समर्थकों द्वारा पिछले दो महीनों में ऑस्ट्रेलिया में हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की कम से कम चार घटनाएं हुई हैं। 

उन्होंने संवाददाताओं से यह भी कहा कि ऑस्ट्रेलिया एक बहुसांस्कृतिक, बहुधर्मी देश है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करता है। ओ फैरेल ने कहा, “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, लेकिन आपको अभद्र भाषा या हिंसक विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का अधिकार नहीं देती है। इन मामलों को ऑस्ट्रेलिया में गंभीरता से लिया जाता है।” 

Also Read: 

'उमेश पाल हत्याकांड में शामिल कोई भी दोषी बच नहीं पाएगा', प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोले एडीजी प्रशांत कुमार

भारत के दोस्त रूस ने पाकिस्तान पर जताया संदेह, उसे सस्ता तेल बेचने पर रख दी ये बड़ी शर्त

जेल से सुकेश ने होली पर जैकलीन को लिखा लव लैटर, कहा 'तुम्हारी जिंदगी के फीके रंगों को वापस लाऊंगा'

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement