पुणे ATS ने अल सूफा आतंकी मामले की जांच में चौथे आरोपी को किया गिरफ्तार कर लिया है। इसपर आरोप है कि यह इस मामले से जुड़े दूसरे आरोपियों के लिए फंडिंग जुटाने का काम करता था. पुणे ATS गिरफ्तार आतंकियों द्वारा सीरियल ब्लास्ट की साजिश रचने और बम बनाकर जंगलों में टेस्टिंग करने के मामले की जांच कर रही है। इस मामले में शामिल एक आरोपी घटना के दिन ही पुलिस गिरफ्त से भागने में कामयाब हो गया। बता दें कि पुणे के कोथरुड इलाके से बाइक चोरी करते समय रंगे हाथों पुलिस पेट्रोलिंग टीम ने मोहम्मद इमरान अलियास मोहम्मद यूनुस खान जिसकी उम्र 23 साल है और मोहम्मद यूनुस मोहम्मद याकूब साकी, जिसकी उम्र 24 साल है को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में पता चला कि वो कोई छोटा-मोटा अपराधी नहीं बल्कि NIA की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल हैं अपराधी है जिसपर 5 लाख रुपए का इनाम भी है।
आतंकियों के पास मिला छाबड़ हाउस का मैप
ATS सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तार आतंकियों को उनका मकसद पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर पैसों की जरूरत थी। ये आतंकी जंगलों में ब्लास्ट की टेस्टिंग करने जाते थे। छिपने के लिए ये टेंट का इस्तेमाल करते थे। इनके पास से ड्रोन कैमरा, पेन ड्राइव, लैपटॉप, नक्शा मिला है. इन सब चीजों के लिए जो फंड चाहिए होता था यह चौथा आरोपी उन्हें मुहैया कराता था। जांच के दौरान एटीएस को यह भी पता चला कि गिरफ्तार आरोपियों ने मुंबई में कई जगहों पर रेकी भी की है, जिसमें से एक छाबड़ हाउस है। इस बात की जानकारी ATS ने मुंबई पुलिस से शेयर की और फिर उन तमाम जगह पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
यहूदी सामुदायिक केंद्र की बढ़ाई गई सुरक्षा
एटीएस से जानकारी मिलते ही मुंबई पुलिस ने कोलाबा स्थित छाबड़ हाउस की सुरक्षा बढ़ा दी है। आतंकवादियों के पास मिले गूगल इमेज में छाबड़ हाउस भी शामिल है। इस जानकारी के बाद पुलिस ने कोलाबा के यहूदी सामुदायिक केंद्र की सुरक्षा बढ़ा दी है। महाराष्ट्र एटीएस ने कुछ दिन पहले पुणे पुलिस से मोहम्मद इमरान मोहम्मद यूनुस खान और मोहम्मद यूनुस मोहम्मद याकूब साकी को हिरासत में लिया था। मामले की जांच के दौरान उनके पास से छाबड़ हाउस की गूगल इमेज मिली। जिसके बाद महाराष्ट्र ATS ने इस मामले की जानकारी मुंबई पुलिस को दी, और फिर इस केंद्र पर सुरक्षा बढ़ा दी गई। बता दें की ये दोनों रतलाम के रहने वाले हैं और फिलहाल महाराष्ट्र एटीएस की हिरासत में हैं। इन दोनों आरोपियों पर एनआईए की ओर से पांच लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था। वहीं जांच में यह भी पता चला है कि आरोपी का संबंध आतंकी संगठन अल सुफा से है।