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'वो' प्यार जिसके लिए अतीक ने किए मर्डर! जानिए माफिया ने किसके लिए कर ली दुनिया से दुश्मनी

अतीक फितरत से अपराधी था। वो सोच समझ कर गुनाह करता था। वो सिस्टम को अपने हिसाब से चलाना चाहता था और उसे अपने नेटवर्क पर इतना विश्वास था कि वो सिस्टम को कानून को अपने आगे कुछ नहीं समझता था।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Updated on: April 22, 2023 20:39 IST
atiq ahmed- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO अतीक अहमद

नई दिल्ली: माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के आतंक का अंत हो चुका है लेकिन आज हम आपको अतीक अहमद का लव एट फर्स्ट साइट बताएंगे। उस चीज के बारे में बताएंगे जिसे किसी भी कीमत पर हासिल करने पर अतीक आमादा हो जाता था। इसके लिए वो साम दाम दंड भेद हर तरह का छल प्रपंच करता था। यहीं पर अतीक अहमद का असली दिमाग और पैसे लिए उसकी भूख दिखती है। एक तांगे वाले का बेटा हजारों करोड़ की संपत्ति का मालिक कैसे बना और केसे इसके लिए उसने अपनी सांसों से ज्यादा दुश्मन तैयार कर लिए थे ये पूरा चक्र बहुत खूंखार है।

तो आपको बता दें कि अतीक अहमद जमीन के लिए दीवाना था। जो जमीन उसे पसंद आ गई वो उसकी हो गई। जिस पल से अतीक किसी संपत्ति के पीछे पड़ गया उसी वक्त से वो अपनों से बेगानी हो जाती थी। अतीक का लैंड ग्रैबिंग सेंडीकेट एक कॉर्पोरेट की तरह रन करता था। इसके लिए आतीक के पास जासूस, मुखबिर, पुलिस, अधिकारी और मंत्री थे। वहीं, कुछ लोग कहते हैं कि मुख्यमंत्री भी थे। अतीक संपत्ति के कब्जे में कोई हिन्दू मुसलमान नहीं करता था। उसका नारा था मिलो या मिटो। अतीक के लव एट फर्स्ट साइट की कहानी पढ़िए जिसमें साइट का मतलब है कोई घर, जमीन या धंधा।

अतीक के अवैध कब्जे

  1. प्रयागराज में सोनिया गांधी के रिश्तेदार की जमीन पर कब्जा
  2. लखनऊ में प्रसिद्ध कपड़ा व्यापारी की जमीन पर कब्जा
  3. अपनी पत्नी के रिश्तेदारों पर साथ बिजनेस का दबाव
  4. अपने बिजनेस पार्टनर की बिजनेस को हड़प लिया
  5. विवादित जमीन पर सांसद,विधायक रहते कब्जा
  6. समाजवादी पार्टी के विधायक की जमीन पर कब्जा
  7. प्रयागराज के होटल और पिक्चर हॉल पर कब्जा
  8. यूपी की पहली महिला CM के PA के घर पर कब्जा
  9. बड़े किराए के मकानों पर कमीशन लेता था
  10. दिल्ली के साउथ एक्स में विवादित घर पर कब्जा
  11. संसद के बैंक में जमीन कब्जे का अवैध धन डिपॉजिट

अतीक की जमीन में कितने नेता, अधिकारी छिपे हैं?

प्रयागराज रेलवस्टेशन के आगे वाले इलाके में कभी अतीक का जुर्म बोलता था। इसी रेलवे स्टेशन के पास एक लाश मिली। पूरे शरीर पर जगह जगह नुकीले हथियार के गहरे निशान थे। जैसे किसी ने बार-बार जगह जगह वार किए हों। लाश और उसके निशान में अतीक की हॉरर स्टोरी छिपी है। जो नैनी जेल के सुप्रीटेंडेंट ने सुनाई। अतीक जब उनकी जेल में बंद था तो उसने उन्हें खुद बताया था।

atiq property

Image Source : PTI
प्रयागराज में अतीक की अवैध संपत्ति पर चलाया गया बुलडोजर।

अतीक फितरत से अपराधी था। वो सोच समझ कर गुनाह करता था। उसके गुनाह में कमाई और मैसेज दोनों होता था। वो सिस्टम को अपने हिसाब से चलाना चाहता था और उसे अपने नेटवर्क पर इतना विश्वास था कि वो सिस्टम को कानून को अपने आगे कुछ नहीं समझता था। बड़े-बड़े काबिल निडर और जांबाज अधिकारियों को भी अतीक के क्राइम सिंडिकेट के सामने संभल कर चलना पड़ता था ये बात हमें उत्तरप्रदेश और डेयर डेविल आईपीएस राजेश पांडे की एक बात से पता चली जो अतीक के लखनऊ में किए गए गुनाह से जुड़ी है।

जमीन पर खुद कब्जा करने पहुंच जाता था अतीक
लखनऊ के प्रसिद्ध संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल शोध संस्थान के पास ही वो जमीन है जिस पर अतीक कब्जा करने खुद पहुंच गया था। उस वक्त वो पूर्व विधायक और सांसद था। हालांकि 2012 का विधानसभा चुनाव अपनी परंपरागत इलाहाबाद पश्चिमी की सीट पर पूजा पाल से हार गया था। राजनीति की असफलता को गुनाह के खौफ से ढ़कने के लिए अतीक हताश अपराधी की तरह व्यव्हार करने लगा था। चूंकि वो किसी संवैधानिक पद पर नहीं था इसलिए उसका लिहाज भी खत्म हो चुका था। प्रदेश के तेजतर्रार और ईमानदार आईपीएस अधिकारी अखिलेश मेहरोत्रा ने इलाहाबाद में अतीक के कब्जा गिरोह की एक दहलाने वाली कहानी बतायी है।

जब सोनिया गांधी के रिश्तेदार की हड़प ली थी जमीन
इलाहाबाद के सबसे पॉश इलाके की एक जमीन पर भी अतीक ने कब्जा कर लिया था। तब केन्द्र में कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए की सरकार थी। जिस जमीन पर अतीक ने कब्जा किया था वो सोनिया गांधी के रिश्तेदारों की थी। केन्द्र सरकार का दबाव हुआ तो जमीन छोड़ी थी। इसके अलावा भी पूरे सिविल लाइन्स पर अतीक ने कई जगह कब्जा किया था। नब्बे के दशक में इसी सिविल लाइन्स में अतीक अहमद बैठकी करता था और राजूपाल ने विधायक बनने के बाद यहीं एक चाय की दुकान में अतीक को धमकी दी थी जिसके बाद 2005 में उनकी हत्या कर दी गई। आरोप अतीक और उनके भाई अशरफ पर था।

CM बनते ही योगी ने माफियाओं के खिलाफ चलाया अभियान
अतीक अहमद ने सरकारी ठेके और जमीन ज्यायदाद के अवैध कारोबार को पूरी तरह से अपनी कब्जे में कर लिया था। उसका अपना सिस्टम था। नैनी जेल के पूव र्अधीक्षक कैप्टन एस के पांडे बताते हैं कि जमीन और संपत्ति के अवैध कारोबार में उसने इतना स्पेशलाइज कर लिय था कि इलाके में किराए पर मकान उठाने से पहले भी अतीक को जानकारी देनी होती थी या फिर उसे जानकारी रहती थी। यूपी में जब योगी मुख्यमंत्री बने तो माफिया के खिलाफ अभियान चला। बेनामी संपत्ति तोड़ी गईं और अवैध कब्जे हटाए गए। बुलडोजर इतना सक्सेस सिंबल बना कि यूपी में योगी की दोबारा जीत का सिंबल बन गया। आज पूरे देश में बुलडोजर एडमिनिस्ट्रेशन का मांग और चर्चा है लेकिन अतीक अपने अवैध कब्जे के कारोबार को चलाने के लिए भी बुलडोजर का सहारा लेता था।

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Image Source : PTI
प्रयागराज में अतीक की संपत्ति पर चला योगी का बुलडोजर

अतीक के खौफ से इलाहाबाद छोड़कर भागा ठेकेदार
अतीक के क्राइम नेटवर्क के दायरे से बाहर सरकारी योजनाएं भी नहीं थी। इलाहाबाद में नए शहर को पुराने शहर से जोड़ने के लिए एक पुल बनना था। अतीक ने ऐसा अड़ंगा फंसाया कि पुल सालों नहीं बन पाया। ठेकेदार इलाहाबाद छोड़ कर भाग गया। प्रयागराज में अतीक के इलाके में एक इमारत है जो कि कोई मामूली इमारत नहीं है। ये इमारत अतीक के खौफ की कब्र पर बनी है। गुनाह की कमाई से अतीक ने जो संपत्ति खड़ी की थी उसे सरकार ने जब्त किया और उसके ऊपर ये बहुमंजिली बिल्डिंग बनाई। अब ये बेघर गरीबों के बीच में बांट दी गई है।

अतीक के इशारे पर काम करते थे मंत्री और अधिकारी
अतीक ने कब्जे का पूरा व्यवस्थित सिस्टम बना रखा था। मंत्री, अधिकारी और संतरी तक उसके इशारे पर काम करते थे। उसने हर जगह पर अपने लोगों को सेट किया था। पैसे की कमाई में उसका सबसे बड़ा रिश्तेदार वही था जो उसे कमा कर दे। अतीक ने सांसद रहते हुए अपनी ही पार्टी के एक नेता की जमीन पर कब्जा कर लिया और ऐसा फ्रॉड किया जिसमें सांसद के नाते मिलने वाली बैंक सुविधा का भी गुनाह की रकम को पार्क के करने के लिए इस्तेमाल किया गया।

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अतीक ने सांसद रहते हुए ही दिल्ली के पॉश साउथ एक्स पार्ट-2 में भी एक घर पर कब्जा कर लिया था। चार लोगों के नाम पर ये साझा संपत्ति थी। बंटवारा नहीं हुआ था, संपत्ति पर विवाद था। एक हिस्सेदार संपत्ति बेचना चाहता था लेकिन सफल नहीं हो पा रहा था लिहाजा उसने अतीक को जमीन बेच दी। और फिर अतीक ने देश की राजधानी दिल्ली में भी अपने हॉरर से लोगों को खौफ से भर दिया। अतीक ने अपने माफिया नेटवर्क को हर तरह से फूलप्रूफ बनाने की कोशिश की थी। सरकार, सिस्टम और आम लोगों को अपने हिसाब से चलाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार रहता था। अब जब वो नहीं है, उसकी काली कमाई के नेटवर्क और तरीके परतदर परत खुलेंगे और इनको नष्ट करने के बाद ही अतीक का असली अंत होगा। वरना अतीक के नाम पर खौफ का व्यापार जारी रहेगा।

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