अतीक अहमद जैसे यूपी के टॉप माफिया डॉन को जान से मारने के लिए जिस बंदूक का इस्तेमाल किया गया था, उसका नाम जिगाना पिस्टल है। इस जिगाना पिस्टल (ZIGANA) को लेकर अहम जानकारी सामने आई है। अतीक और अशरफ की जान लेने वाली जिगाना पिस्टल टर्की में बनती है और ये बेहद महंगी पिस्टल है। लेकिन ये पिस्टल भारत में अपारधियों और शूटर्स की पहली पसंद बनी हुई है। खुलासा हुआ है कि जिस जिगाना पिस्टल से निकली गोलियों ने अतीक और अशरफ की जान ले ली, वह असली नहीं बल्कि फर्स्ट कॉपी थी।
सिद्धू मूसेवाला की हत्या में हुआ था इस्तेमाल
जिसा जिगाना पिस्टल का अतीक अहमद और अशरफ की हत्या में इस्तेमाल किया गया था, उसी जिगाना का उपयोग पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या में भी किया गया था। रिपोर्टस में दावा किया जा रहा है कि अतीक के मर्डर में इस्तेमाल पिस्टल जिगाना की कॉपी थी।
पाकिस्तान में बनती है फर्स्ट कॉपी पिस्टल
जानकार बताते हैं कि जिगाना पिस्टल की ये कॉपी पाकिस्तान में बनती हैं। भारत में अधिकतर अपराधियों और शूटर्स के पास इसी जिगाना पिस्टल की कॉपी ही हैं। खुफिया सूत्रों का दावा है कि अबतक जो भी हथियार बरामद हुए हैं उनमें से ज्यादातर फर्स्ट कॉपी हैं। ये कॉपी पिस्टल पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में बनाए जाते हैं।
बेहद सस्ते में बेच रहीं पाकिस्तानी वेबसाइट
एक मीडिया रिपोर्ट की मानें तो पाकिस्तान की ऐसी कई सारी वेबसाइट हैं जो जिगाना की कॉपी बेचने का दावा करते हैं। ये बंदूकें कॉपी हैं तो जाहिर है कि ऑरिजिनल से बेहद कम कीमत में उपलब्ध होती हैं। कुछ वेवसाइट पर तो महज 17 हजार पाकिस्तानी रुपये में जिगाना F-9mm सेकेंड हैंड भी बेची जा रही है। जो भारतीय रुपये में केवल 5 हजार में उपलब्ध हो सकती है।
5 लाख की आती है असली जिगाना पिस्टल
जिस पिस्टल से अतीक-अशरफ को मारा गया उस असली जीगाना पिस्टल की कीमत करीब 4 से 5 लाख रुपये बताई जा रही है। लेकिन इस पिस्टल की फर्स्ट कॉपी महज 93 हजार से 1.5 लाख रुपये बताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक अतीक को मारने के लिए जिगाना की कॉपी के अलावा Girsan MC-27 पिस्टल का भी इस्तेमाल हुआ है, जो पाकिस्तन की वेबसाइट पर 63 हजार (पाकिस्तानी रुपये) में बिक रही है। ये पिस्टल जिगाना की कॉपी होती हैं और दिखने में, चलने में और क्षमता में भी एकदम जिगाना की ही तरह होती हैं।
कितना बड़ा है फर्स्ट कॉपी बंदूकों का कारोबार
पाकिस्तान में फर्स्ट कॉपी बंदूकें बनाने का कारोबार किस हद तक फल-फूल रहा है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में करीब 20 हजार लोग इस धंधे से अपनी आजिविका चलाते हैं। ये बंदूकें इतनी सफाई से बनाई जाती हैं कि असली और नकली में फर्क केवल कोई एक्सपर्ट या इसे बनाने वाली ही बता सकता है।
शूटर्स की पहली पसंद क्यों है जिगाना की कॉपी
जिगाना पिस्टल भारत में शूटर्स की पहली पसंद बताई जाती है। इसका एक कारण ये भी है कि इसकी कॉपी असली जिगाना की ही तरह मार करती है। इस कॉपी पिस्टल के लिए अपराधियों को बहुत मोटी रकम नहीं खर्च करनी होती है। ये असली जिगाना की ही तरह ऑटोमेटिक, तेज और शार्प होती हैं और साथ ही इनकी मैगजीन क्षमता भी असली जिगाना के बराबर ही होती है।
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