आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती है। 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में जन्मे अटल बिहारी वाजपेयी जी ने तीन बार प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली। उन्हें साल 2015 में देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। वाजपेयी की प्रतिभा और हाजिरजवाबी के कायल विपक्षी दलों के नेता भी थे। विनम्र स्वभाव से लोगों के दिलों में राज करने वाले अटलजी की नेतृत्व क्षमता अद्भुत थी। तीन बार प्रधानमंत्री रहे वाजपेयी का अगस्त 2018 में निधन हो गया था। आइए जानते हैं अटल जी से जुड़ी कुछ अनसुनी बातें-
पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी से दिल्ली मेट्रो की भी विशेष यादें जुड़ी हैं। दिसंबर 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने दिल्ली मेट्रो के पहले कॉरिडोर का उद्घाटन किया था। कॉरिडोर का उद्घाटन होने के एक दिन बाद लोगों की इतनी भीड़ थी कि यात्रियों को संभालने के लिए कागज के टिकट जारी करने पड़े थे। बहुत से लोग यात्रा की जरूरत नहीं होने के बावजूद मेट्रो की सवारी की जिज्ञासा में स्टेशनों पर जुटे थे।
जारी करने पड़े थे कागज के टिकट
वाजपेयी ने 24 दिसंबर 2002 को रेड लाइन के तीस हजारी और शाहदरा स्टेशनों के बीच 8.2 किलोमीटर लंबी लाइन का उद्घाटन किया था। अगले दिन कॉरिडोर को यात्रियों के लिए खोल दिया गया था। यह संयोग ही था कि इस दिन वाजपेयी का 78वां जन्मदिन था। DMRC के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘मेट्रो सेवा शुरू होने के पहले दिन (25 दिसंबर 2002) को टोकन और स्मार्ट कार्ड के साथ ही कागज के टिकट भी जारी करने पड़े थे।
आम आदमी की तरह लाइन में लगकर खरीदा था स्मार्ट कार्ड
वाजपेयी ने स्टेशन के अंदर जाने के लिए एक काउंटर से स्मार्ट कार्ड भी खरीदा था। खास बात ये रही की कार्यक्रम के मुख्य मेहमान और देश के प्रधानमंत्री होने के बावजूद अटल बिहारी वाजपेयी ने खुद लाइन में लगकर मेट्रो का पहला कार्ड खरीदा था और फिर सफर किया था। यह दिल्ली के लिए यादगार दिन था।
सीपी के गोलगप्पे खाते थे वाजपेयी और आडवाणी
वाजपेयी दिल्ली के चप्पे-चप्पे से वाकिफ थे। बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वे और अटल जी 50 के दशक में स्कूटर पर कनॉट प्लेस जाया करते थे। दोनों वहां रीगली-रिवोली में फिल्म देखते थे और उसके बाद वहीं पास ही में एक चाट वाले के पास गोलगप्पे खाते थे। आडवाणी ने बताया था कि अटल जी को गोलगप्पे पसंद थे जबकि वे चाट खाना पसंद करते थे।
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