प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन यूनाइटेड लिब्रेशन फ्रंट ऑफ असोम-इंडिपेंडेंट (ULFA-I) में नए सदस्यों की भर्ती अभी भी जारी है। दरअसल, असम के तिनसुकिया से एक खबर सामने आई है कि यहां के एक दंपति ने अपनी चार साल की बच्ची को छोड़कर प्रतिबंधित संगठन ULFA-I का सदस्य बनने के लिए निकल गया है।
बेटी को दादा-दादी के पास छोड़ा
पुलिस सूत्रों ने शनिवार को बताया कि ममता निओग और उनके पति अच्युत निओग ने अपना पुश्तैनी मकान छोड़ दिया है। कहा जा रहा है कि उन्होंने जाने से पहले अपनी बेटी को उसके दादा-दादी के पास जिले के दिराक कापाटोली गांव में छोड़ दिया। सूत्रों ने बताया कि दंपति म्यांमार स्थित उल्फा-आई के आधार शिविर की ओर गया है।
रहस्यमय तरीके से गायब पति-पत्नी
गत 5 मई से पति-पत्नी अपने घर से रहस्यमय तरीके से गायब हो गए। अच्युत नेओग के पिता ने बताया कि उनका एक मात्र बेटा अच्युत गत 5 मई को एक फोन कॉल आने के बाद घर छोड़कर चला गया। कुछ समय बाद ही उसकी पत्नी ममता भी उसी समय घर से बाहर चली गई। हालांकि, पुलिस ने इस पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार करते हुए कहा कि पहले हमें पूरे मामले की जांच करनी होगी। बता दें कि कुछ समय पहले संगठन ने पुलिस का गुप्तचर होने के आरोप में अपने ही संगठन के दो सदस्यों को मृत्युदंड दिया था।
असम राइफल्स के वाहनों पर हमला
पिछले महीने लोकसभा चुनाव की सरगर्मी और चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद असम के तिनसुकिया में असम राइफल्स के वाहनों पर घात लगाकर हमले हुए, जिसकी जिम्मेदारी ULFA(I) ने ली। घटना तिनसुकिया के नामदांग में हुई, जो मार्गेरिटा में चांगलांग रोड पर है। बता दें कि उल्फा भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम में एक्टिव एक प्रमुख आतंकवादी और उग्रवादी संगठन है। सशस्त्र संघर्ष के द्वारा असम को एक स्वतंत्र राज्य बनाना इसका लक्ष्य है। भारत सरकार ने इसे सन् 1990 में प्रतिबंधित कर दिया और इसे एक आतंकवादी संगठन के रूप में वर्गीकृत किया है।
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