असम सरकार ने दिसपुर में राज्य सचिवालय परिसर में काम करने वाले अपने सभी कर्मचारियों के लिए एक ड्रेस कोड जारी किया है। कार्यालय के एक आदेश के अनुसार नए ड्रेस कोड ने सचिवालय में काम करने वाले कर्मचारियों के जींस, टी-शर्ट और लेगिंग पहनने पर रोक लगा दी है। अब से उन्हें कार्यालय समय के दौरान अनिवार्य रूप से फॉर्मल ड्रेस पहननी होगी।
सरकार के नए आदेश के अनुसार, पुरुषों को फॉर्मल शर्ट और पैंट पहनकर ऑफिस आना होगा तो वहीं महिलाओं को साड़ी या सलवार-कमीज पहनकर कार्यालय आना होगा। इसके साथ ही प्रत्येक बुधवार को कर्मचारियों को असम राज्य के पारंपरिक कपड़े पहनने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही विधानसभा सत्र के दौरान कर्मचारियों को वर्दी भी मुहैया कराई जाएगी। यहां तक कि विधानसभा की कार्यवाही को कवर करने वाले मीडियाकर्मियों को भी सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार कपड़े पहनने होंगे।
आदेश न मानने वालों पर होगी कार्रवाई
यह आदेश विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी के निर्देश पर पारित किया गया और यह वेतन पर काम करने वाले कर्मचारियों पर भी लागू होगा। आदेश में सख्ती के साथ कहा गया है कि अगर कोई भी कमर्चारी या व्यक्ति इन निर्देशों का पालन नहीं करेगा तो उसके खिलाफ विधिक कार्यवाई की जाएगी।
पहले भी कई राज्यों में लगाया जा चुका प्रतिबंध
हालांकि इस तरह का आदेश पारित करने वाला असं पहला रज्य नहीं है। इससे पहले भी कई राज्य और संस्थाएं ऐसा ही आदेश जारी कर चुके हैं। इससे पहले उत्तराखंड सरकार ने भी इसी तरह की कार्रवाई की थी। राज्य सरकार ने सभी सरकारी कार्यालयों में जींस और टी-शर्ट पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया था। पिछले साल, महाराष्ट्र सरकार ने राज्य सचिवालय और सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों द्वारा कैजुअल ड्रेस पहनने पर भी प्रतिबंध लगा दिया था।
CBI ऑफिस में भी है प्रतिबंध
इसके अलावा, 2021 में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल ने भी सभी अधिकारियों के लिए कार्यालय में फॉर्मल ड्रेस में आना अनिवार्य कर दिया था। सीबीआई निदेशक ने पिछले साल घोषणा की था कि कार्यालय में किसी भी जींस, टी-शर्ट, स्पोर्ट्स शूज, चप्पल और कैजुअल ड्रेस की अनुमति नहीं है।