नई दिल्ली: जम्मू रीजन में हाल के दिनों में बढ़ती आतंकी घटनाओं के मद्देनजर गृह मंत्रालय ने एक बड़ा फैसला लेते हुए असम राइफल्स के जवानों को तैनात करने का फैसला किया है। असम राइफ़ल्स की दो बटालियन जिसमें कुल मिलाकर दो हज़ार जवान होंगे, उन्हें जम्मू भेजा जाएगा। ऐसी संभावना है कि नॉर्थ ईस्ट में तैनात जवानों को असम भेजा जाएगा।
जंगल और पहाड़ों पर चलाए जाने वाले ऑपरेशंस में माहिर
असम राइफल्स के जवान जंगल वारफेयर में माहिर माने जाते हैं। पहाड़ों पर चढ़ना, गुफाओं में ढूंढना और जंगली इलाकों में चलाए जाने वाले ऑपरेशंस में मुश्किल हालातों से निपटने में असम राइफल्स के जवानों की कुशलता को देखते हुए इनकी तैनाती की जा रही है। जम्मू में तैनात असम राइफल्स की टुकड़ी में राइफल वूमैन भी होंगी। गृह मंत्रालय से असम राइफल्स के हेडक्वॉर्टर को मूव करने का निर्देश मिल चुका है।
जम्मू क्षेत्र में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ी
बढ़ती आतंकी घटनाओं के मद्देनजर जम्मू क्षेत्र में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई जा रही है। इसी क्रम में असम राइफल्स के जवानों को भी तैनात करने का फैसला लिा गया है। इससे पहले केंद्र सरकार ने ओडिशा से बीएसएफ की दो बटालियन को आतंकवाद प्रभावित जम्मू रीजन में तैनात करने का आदेश दिया था। बीएसएफ की इन दोनों बटालियन को जम्मू क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पहले से अग्रिम पंक्ति पर तैनात इसकी इकाइयों के पीछे रक्षा की ‘‘दूसरी पंक्ति’’ के रूप में तैनात किया गया ताकि सीमा पार से आतंकवादियों की घुसपैठ और अंदरूनी इलाकों में इन तत्वों द्वारा किए जाने वाले हमलों को रोका जा सके।
बीएसएफ भारत के पश्चिमी भाग में जम्मू, पंजाब, राजस्थान और गुजरात से लगी 2,289 किलोमीटर से अधिक लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा की रक्षा करता है। जम्मू क्षेत्र में इस सीमा का 485 किलोमीटर हिस्सा है, जो घने जंगलों और पहाड़ी इलाकों से घिरा हुआ है। जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र के पास करीब एक दर्जन बीएसएफ बटालियन तैनात हैं। राजौरी, पुंछ, रियासी, उधमपुर, कठुआ और डोडा जिलों में इस वर्ष हुए आतंकवादी हमलों के बाद जम्मू क्षेत्र में सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।