असम सरकार ने हर साल गरीब परिवार को 5 लाख रुपये तक का कैशलेस चिकित्सा उपचार मुहैया कराने वाली स्वास्थ्य देखभाल योजना शुरू की है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस योजना का मकसद सुगम और किफायती स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं को बढ़ावा देना है और इसके दायरे में शुरुआत में करीब 26 लाख परिवार आएंगे।
किन लोगों को मिलेगा योजना का लाभ
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बुधवार को अपनी सरकार के दो साल पूरे होने के मौके पर ‘आयुष्मान असम- मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना’ शुरू की। बयान में कहा गया है कि इस योजना के लाभार्थी वे लोग होंगे जिनके नाम राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) की सूची में शामिल हैं। इस मौके पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का समाज के अंतिम व्यक्ति का उत्थान और विकास सुनिश्चित करने के लिए ‘अंत्योदय’ का अथक प्रयास ‘मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना’ के पीछे की प्रेरक शक्ति है।
कैशलेस इलाज मुहैया कराया जाएगा
असम के सीएम ने कहा कि कुछ सीमाओं के कारण आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के कई परिवार ‘प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ का लाभ पाने से वंचित रह गए जिसके तहत भी कैशलेस इलाज मुहैया कराया जाता है। उन्होंने कहा कि नयी योजना से ऐसे परिवार को भी कैशलेस स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं का लाभ मिलेगा। शर्मा ने असम सरकार के कर्मचारियों के लिए भी स्वास्थ्य देखभाल योजना ‘मुख्यमंत्री लोक सेवा आरोग्य योजना’ 15 अगस्त से शुरू करने की घोषणा की।
26 लाख परिवारों को मिलेगा योजना का लाभ
मुख्यमंत्री के अनुसार, असम में गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) परिवारों की संख्या 2011 की सामाजिक-आर्थिक जनगणना के आंकड़ों से बढ़ी है और उन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाया गया है। सरमा ने कहा, इस समय लगभग 56 लाख परिवार हैं, जिनके पास खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत राशन कार्ड हैं। उनमें से 30 लाख परिवारों को आयुष्मान भारत के तहत स्वास्थ्य कवरेज मिल रहा है। राज्य सरकार ने शेष 26 लाख परिवारों को कैशलेस उपचार प्राप्त करने के लिए शामिल किया है। उन्होंने यह भी कहा कि अगले कुछ महीनों में और 5 लाख राशन कार्ड दिए जाएंगे और उन परिवारों को भी 'आयुष्मान असम' योजना के तहत लाया जाएगा।
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