Highlights
- अशोक गहलोत चाहते हैं राहुल गांधी फिर से बने कांग्रेस के अध्यक्ष
- राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा को सफल बना रहे हैं गहलोत
- गहलोत ने कहा राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने से मजबूत होगी कांग्रेस
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) चाहते हैं कि राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस पार्टी की कमान सौंप दी जाए, शायद इसीलिए उन्होंने राहुल गांधी के फिर से कांग्रेस अध्यक्ष बनने की पैरवी करते हुए बुधवार को कहा कि अगर राहुल कमान संभालते हैं तो इससे पार्टी को मजबूती मिलेगी और देश के समक्ष चुनौतियों से निपटने में भी आसानी होगी। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए से कहा, ‘‘आज भी (कांग्रेस में) लोग यह भावना रखते हैं कि राहुल जी को कांग्रेस अध्यक्ष बनना चाहिए। 2019 में हम कामयाब नहीं हो पाए तो उन्होंने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे दिया था।’’
'बीजेपी ने हमेशा गांधी परिवार को नुकसान पहुंचाया'
गहलोत का कहना है, ‘‘हम चाहते हैं कि अगर वो अध्यक्ष बनते हैं तो हम सब मिलकर कोई कमी नहीं आने देंगे, उनके नेतृत्व में कांग्रेस आगे बढ़ेगी। उनके नेतृत्व में कांग्रेस मजबूत होगी, आगे बढ़ेगी। देश के सामने चुनौतियां बड़ी हैं, अगर राहुल जी अध्यक्ष बनते हैं तो इन चुनौतियों से निपटने में आसानी होगी।’’ इन्होंने (भाजपा ने) हमेशा गांधी परिवार की छवि को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया। राहुल गांधी को भी निशाना बनाया गया है। भाजपा के लोग जनसंघ के जमाने से यह करते रहे हैं। गहलोत ने कहा, ‘‘राहुल जी बहुत प्यारे इंसान हैं। उनके अंदर नफरत और गुस्सा नहीं है। इसीलिए उन्होंने संसद में भावुकता में प्रधानमंत्री को गले लगा लिया। प्रधानमंत्री जी में बड़प्पन होता तो वह खड़े हो जाते और मिलते।’’
राहुल गांधी के साथ हैं अशोक गहलोत
आपको बता दें कि आजकल अशोक गहलोत अपने राज्य राजस्थान में नहीं बल्कि राहुल गांधी के साथ तमिलनाडू में मौजूद हैं और कांग्रेस के भारत जोड़ो यात्रा को मजबूत बनाने का काम कर रहे हैं। आपको बता दें यह 3570 किमी लंबी यात्रा 150 दिनों में पूरी होगी और इसका समापन श्रीनगर में होगा। यह यात्रा कुल बारह राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेश से होकर गुजरेगी। यात्रा तमिलनाडु से शुरू होकर 11 सितंबर को केरल में दाखिल होगी और 18 दिन वहां रहेगी।
इसके बाद तीस सितंबर को यात्रा कर्नाटक में पहुंचेगी जहां इक्कीस दिन यात्रा चलेगी और लगभग पांच सौ ग्यारह किलोमीटर का दूरी तय करेगी। मध्यप्रदेश में यह यात्रा 25 नवंबर को पहुंचेगी। 16 दिनों में यह यात्रा राज्य के अंदर 382 किलो मीटर की दूरी तय करेगी। सबसे ज्यादा दिन यह यात्रा कर्नाटक में रहेगी जहां इक्कीस दिनों में पांच सौ ग्यारह किलोमीटर की दूरी तय करेगी। इसके बाद केरल में यह यात्रा में लगभग अठारह दिन रहेगी।