Sunday, November 24, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. आसाराम पैरोल के लिए राजस्थान हाई कोर्ट पहुंचा, यौन उत्पीड़न मामले में काट रहा है आजीवन कारावास की सजा

आसाराम पैरोल के लिए राजस्थान हाई कोर्ट पहुंचा, यौन उत्पीड़न मामले में काट रहा है आजीवन कारावास की सजा

आसाराम की पैरोल याचिका दो बार अलग-अलग कारणों से खारिज हो चुकी है। ऐसे में देखना ये होगा कि आसाराम को पैरोल मिल पाती है या इस बार भी पहले की तरह उसके लिए जेल का दरवाजा नहीं खुलेगा।

Edited By: Rituraj Tripathi @riturajfbd
Published on: September 16, 2023 12:49 IST
Asaram- India TV Hindi
Image Source : PTI आसाराम

जोधपुर: यौन उत्पीड़न मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे स्वयंभू बाबा आसाराम ने पैरोल के लिए राजस्थान हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। आसाराम की पैरोल की याचिका 2 बार पहले ही खारिज हो चुकी है। आसाराम के वकील ने शनिवार को यह जानकारी दी है। कोर्ट ने आसाराम की याचिका स्वीकार करते हुए राज्य सरकार को शुक्रवार को एक नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब देने को कहा है। 

आसाराम को उसके आश्रम में एक किशोरी के यौन उत्पीड़न के मामले में 25 अप्रैल 2018 को दोषी ठहराया गया था, जिसके बाद से वह आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। आसाराम के वकील कालू राम भाटी ने कहा कि जिला पैरोल समिति ने उसकी याचिका को इस आधार पर दूसरी बार खारिज कर दिया कि पैरोल पर उसे रिहा किए जाने से कानून-व्यवस्था संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। 

11 साल से जेल में आसाराम 

भाटी ने बताया, 'आसाराम ने 20 दिन की पैरोल का अनुरोध करते हुए एक याचिका दायर की थी, लेकिन समिति ने पुलिस की नकारात्मक रिपोर्ट का हवाला देते हुए इसे खारिज कर दिया।' अदालत में भाटी ने दलील दी कि आसाराम 11 साल से जेल की सजा काट रहा है और यहां तक कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने भी उसके लिए पैरोल की सिफारिश की है। 

उन्होंने कहा, 'इसके अलावा, जेल में इस पूरी अवधि के दौरान उसका (आसाराम का) व्यवहार संतोषजनक रहा और वह अपनी वृद्धावस्था एवं स्वास्थ्य कारणों से पैरोल पर रिहाई का हकदार है।' अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल जोशी ने अपना जवाब दाखिल करने के लिए कुछ समय मांगा, जिसके बाद न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई और न्यायमूर्ति राजेंद्र प्रकाश सोनी की खंडपीठ ने उन्हें दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। 

इससे पहले, आसाराम की पैरोल याचिका को समिति ने इस आधार पर खारिज कर दिया था कि वह ‘राजस्थान प्रिजनर्स रिलीज ऑन पैरोल नियम’, 2021 (2021 के नियम) के प्रावधानों के तहत पैरोल का हकदार नहीं है, जिसके बाद स्वयंभू बाबा ने जुलाई में हाई कोर्ट का रुख किया था। आसाराम के वकील ने तब दलील दी थी कि यह नियम उनके मुवक्किल पर लागू नहीं होता, क्योंकि इसके क्रियान्वयन से पहले ही उसे दोषी ठहरा दिया गया था और सजा सुनाई गई थी। तब उच्च न्यायालय ने आसाराम की याचिका का निपटारा करते हुए समिति को 1958 के पुराने नियमों के आलोक में उसकी पैरोल याचिका पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया था। (इनपुट: भाषा)

ये भी पढ़ें: 

मलेरिया फैलाने वाला मच्छर खुद क्यों नहीं पड़ता बीमार? सामने आ गई वजह 

यूपी: लखनऊ की रेलवे कॉलोनी में बड़ा हादसा, मकान की छत गिरने से 3 बच्चों समेत 5 की मौत

 

 

 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement