Highlights
- 'मोदी नूपुर शर्मा के नहीं, बल्कि देश की 133 करोड़ जनता के पीएम हैं
- नूपुर शर्मा को कानूनन गिरफ्तार किया जाना चाहिए: ओवैसी
- बीजेपी नूपुर शर्मा को बचा रही है: ओवैसी
Asaduddin Owaisi: नूपुर शर्मा को सुप्रीम कोर्ट ने लताड़ लगाई और उनके बयान को डिस्टर्ब करने वाला बताया। इस मामले पर एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि नुपूर शर्मा के बयान पर बीजेपी ने चुप्पी क्यों साध रखी है। नुपुर को तुरंत गिरफ्तार किया जाए। इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्यों रिएक्ट नहीं करना चाह रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी नूपुर शर्मा के नहीं, बल्कि देश की 133 करोड़ जनता के पीएम हैं। आप उन्हें अरेस्ट क्यों नहीं कराते हैं। बीजेपी नूपुर शर्मा को बचा रही है। जबकि नूपुर शर्मा को कानून गिरफ्तार किया जाना चाहिए।ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री को ये समझना चाहिए कि नूपुर का निलंबन उनकी सजा नहीं है। 133 करोड़ की जनता में 20 करोड़ मुसलमान भी हैं, ये पीएम को समझना चाहिए। हम पीएम से पूछना चाहते हैं कि वे नूपुर को कब तक बचाएंगे। हैदराबाद में बीजेपी नेशनल एक्जीक्यूटिव मेंबर की मीटिंग हो रही है और नूपुर उसकी आज भी मेंबर हैं तो फिर कैसा निलंबन हुआ है। उन पर जो कानून की नियमानुसार धाराएं लगती हैं, उसके अनुसार गिरफ्तार किया जाना चाहिए। जबकि जुबैर को गिरफ्तार कर लिया जाता है।
इंडिया टीवी से खास चर्चा में ओवैसी ने कहा कि दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार की है। तो मोदी का नाम क्यों न लें। दिल्ली पुलिस की क्या मजबूरी है कि वो नूपुर को गिरफ्तार नहीं कर रही है। कानून को अपना काम करने दिया जाना चाहिए। क्या नूपुर आसमान से आई हैं, जो उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है? नूपुर के संबंध में ओवैसी ने कहा कि माफी दिल से होना चाहिए। अन्यथा उसे कोई कबूल नहीं करेगा। ओवैसी ने कहा नूपुर बीजेपी की नेशनल स्पोक पर्सन थीं, यदि उन्हें डिबेट के दौरान प्रोवोक किया गया था, तो उन्हें कम्प्लेंट करना चाहिए था। ओवैसी ने कहा नूपुर शर्मा को सिक्योरिटी मिलनी चाहिए, ये सही है क्योंकि उन्हें धमकी मिल रही है। लेकिन कानूनी तौर पर उसे बचाना नहीं चाहिए। ऐसे में बीजेपी साफतौर पर 'एक्सपोज' हो रही है।
'सिर तन से जुदा' जैसे नारों को ओवैसी ने गलत माना
नूपुर को जान का खतरा है, इस पर ओवैसी ने कहा कि मेरी जान को भी खतरा है। किसी को भी खतरा हो सकता है। उदयपुर का वाकया ही ले लीजिए। रांची का मामला ले लीजिए। सब एक ही है। कानूनी तौर पर कार्रवाई करना चाहिए।इंडिया टीवी से चर्चा में ओवैसी ने कहा कि कानून को हाथ में नहीं लिया जा सकता। 'सिर तन से जुदा' जैसी बातों को ओवैसी ने गलत माना और कहा कि इसका वीडियो मुझे भेजिए।
गौरतलब है कि नूपुर शर्मा को उनके विवादास्पद बयान पर आज सुप्रीम कोर्ट ने लताड़ लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है कि नूपुर शर्मा के बयान भड़काने वाले थे। नूपुर शर्मा को टीवी पर माफी मांगनी चाहिए थी। नूपुर ने डिस्टर्ब करने वाला बयान दिया है। कोर्ट ने कहा कि नूपुर को कैमरे पर माफी मांगनी चाहिए थी। अदालत ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि किसी पार्टी के प्रवक्ता होने से उसे कुछ भी कहने का लाइसेंस नहीं मिल जाता है।दरअसल,सुप्रीम कोर्ट निलंबित बीजेपी नेता नूपुर शर्मा की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें नूपुर के खिलाफ एफआईआर ट्रांसफर करने की मांग की गई थी। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि नूपुर शर्मा की टिप्पणी "डिस्टर्ब करने वाली" है।