तिरुपति बालाजी मंदिर: तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड यानी कि TTD बोर्ड का नया अध्यक्ष बनने के बाद बीआर नायडू ने नया फरमान सुना दिया है। नायडू ने गरुवार को कहा कि भगवान वेंकटेश्वर के निवास तिरुमला में काम करने वाले सभी लोग हिंदू होने चाहिए। उन्होंने कहा कि मंदिर परिसर में काम करने वाले सभी हिंदू हों, यही मेरी पहली कोशिश होगी। नायडू ने कहा कि इसमें कई मुद्दे हैं और हमें इस पर गौर करना होगा। उन्होंने कहा कि तिरुपति धार्मिक स्थल है,इसलिए किसी भी अधिकारी को जो गैर हिन्दू है उन्हें वहां से हटाएंगे।
‘अन्य धर्मों से जुड़े कर्मचारियों को लेकर जल्द फैसला होगा’
भगवान वेंकटेश्वर के भक्त नायडू ने कहा कि अन्य धर्मों से जुड़े कर्मचारियों को लेकर जल्द ही फैसला होगा कि उन्हें VRS देना है या उनका तबादला करना है। नायडू ने कहा कि वह तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किए जाने को अपना सौभाग्य मानते हैं। उन्होंने बोर्ड का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी देने के लिए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन.चंद्रबाबू नायडू को धन्यवाद दिया। बीआर नायडू ने आरोप लगाया कि पिछली YSR कांग्रेस सरकार के दौरान तिरुमला में कई अनियमितताएं हुईं। उन्होंने कहा कि मंदिर की पवित्रता बरकरार रखी जानी चाहिए।
नायडू के बयान पर असदुद्दीन ओवैसी ने दी प्रतिक्रिया
TTD बोर्ड के अध्यक्ष बीआर नायडू के इस फरमान पर AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। ओवैसी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर TTD के नए चेयरमैन के बहाने मोदी सरकार के प्रस्तावित वक्फ कानून पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा, ‘तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के चेयरमैन का कहना है कि तिरुमाला में सिर्फ हिंदुओं को ही काम करना चाहिए। लेकिन मोदी सरकार वक्फ बोर्ड और वक्फ काउंसिल में गैर-मुस्लिमों का होना अनिवार्य बनाना चाहती है। ज्यादातर हिंदू बंदोबस्ती कानून इस बात पर जोर देते हैं कि सिर्फ हिंदू ही इसके सदस्य होने चाहिए। जो नियम एक के लिए सही है वही दूसरे के लिए भी सही होना चाहिए, है न?’