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Asaduddin Owaisi: "हिंदू और मुसलमान का एक ही डीएनए तो..." ओवैसी क्यों बोले जनसंख्या नियंत्रण की जरूरत नहीं?

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने बुधवार को कहा कि जनसंख्या को लेकर भारत में एक समग्र नीति बननी चाहिए जो सब पर समान रूप से लागू हो और किसी को भी इससे छूट नहीं मिले। इसपर असदुद्दीन ओवैसी ने प्रतिक्रिया दी है।

Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published on: October 05, 2022 20:29 IST
AIMIM President Asaduddin Owaisi- India TV Hindi
Image Source : PTI AIMIM President Asaduddin Owaisi

Highlights

  • जनसंख्या नीति पर मोहन भागवत ने दिया था बयान
  • ओवैसी बोले- जनसंख्या नियंत्रण की जरूरत नहीं
  • "मुसलमानों की प्रजनन दर में सबसे तेज गिरावट"

Asaduddin Owaisi: जनसंख्या नीति पर RSS प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि देश पहले ही प्रतिस्थापन दर हासिल कर चुका है। भागवत ने आज नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की दशहरा रैली को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को व्यापक सोच के बाद जनसंख्या नीति तैयार करनी चाहिए और यह सभी समुदायों पर समान रूप से लागू होनी चाहिए।

"मुसलमानों की प्रजनन दर में तेज गिरावट"

असदुद्दीन ओवैसी ने एक ट्वीट में कहा, "यदि हिंदुओं और मुसलमानों का एक ही डीएनए है तो असंतुलन कहां है? जनसंख्या नियंत्रण की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि हमने पहले ही प्रतिस्थापन दर हासिल कर ली है। चिंता एक बूढ़ी होती आबादी और बेरोजगार युवाओं को लेकर है जो बुजुर्गों की सहायता नहीं कर सकते। मुसलमानों की प्रजनन दर में सबसे तेज गिरावट आई है।” 

"जनसंख्या को लेकर समग्र नीति जरूरत"
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने बुधवार को कहा कि जनसंख्या को लेकर भारत में एक समग्र नीति बननी चाहिए जो सब पर समान रूप से लागू हो और किसी को भी इससे छूट नहीं मिले। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नागपुर स्थित मुख्यालय में विजयादशमी उत्सव पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सरसंघचालक ने कहा, ‘‘जनसंख्या नियंत्रण के साथ-साथ पांथिक आधार पर जनसंख्या संतुलन भी महत्व का विषय है जिसकी अनदेखी नहीं की जा सकती।’’ चीन की ‘एक परिवार, एक संतान’ नीति का उल्लेख करते हुए भागवत ने कहा, ‘‘ जहां हम जनसंख्या पर नियंत्रण का प्रयास कर रहे हैं, वहीं हमें देखना चाहिए कि चीन में क्या हो रहा है। उस देश ने एक परिवार, एक संतान नीति अपनाया और अब वह बूढ़ा हो रहा है।’’ 

"सब पर समान रूप से लागू हो नीति"
भागवत ने कहा कि जनसंख्या असंतुलन भौगोलिक सीमाओं में बदलाव का कारण बनती है, ऐसे में नयी जनसंख्या नीति सब पर समान रूप से लागू हो और किसी को छूट नहीं मिलनी चाहिए। भागवत ने कहा कि अपने देश की जनसंख्या विशाल है, यह एक वास्तविकता है। उन्होंने कहा कि इस जनसंख्या के लिए उसी मात्रा में साधन आवश्यक होंगे और अगर जनसंख्या बढ़ती चली जाए तो यह भारी व असह्य बोझ बन जाएगी। उन्होंने कहा कि जनसंख्या को एक निधि भी माना जाता है और उसके उचित प्रशिक्षण और अधिकतम उपयोग की बात की जाती है। 

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