Thursday, November 21, 2024
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देशभर में CAA लागू होने पर असदुद्दीन ओवैसी की आई प्रतिक्रिया, बोले- आप क्रोनोलॉजी समझिए...

नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) की अधिसूचना जारी होने पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सीएए विभाजनकारी है और गोडसे की सोच पर आधारित है, जो मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाना चाहता है।

Written By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Updated on: March 11, 2024 21:03 IST
असदुद्दीन ओवैसी- India TV Hindi
Image Source : PTI असदुद्दीन ओवैसी

2024 के लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से ठीक पहले केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को देशभर में लागू कर दिया है। इस संबंध में सरकार ने सोमवार अधिसूचना जारी की। CAA रूल जारी किए जाने के बाद अब 31 दिसंबर 2014 तक पड़ोसी देश- बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासी- हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई को भारतीय नागरिकता दी जाएगी। CAA लागू होने पर AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि नागरिकता धर्म या राष्ट्रीयता पर आधारित नहीं होनी चाहिए। 

"सताए गए किसी भी व्यक्ति को शरण दें, लेकिन..."

AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "आप क्रोनोलॉजी समझिए, पहले चुनाव का मौसम आएगा फिर CAA के नियम आएंगे। सीएए पर हमारी आपत्तियां जस की तस हैं। सीएए विभाजनकारी है और गोडसे की सोच पर आधारित है, जो मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाना चाहता है। सताए गए किसी भी व्यक्ति को शरण दें, लेकिन नागरिकता धर्म या राष्ट्रीयता पर आधारित नहीं होनी चाहिए। सरकार को बताना चाहिए कि उसने इन नियमों को पांच साल तक क्यों लंबित रखा और अब इसे क्यों लागू कर रही है। NPR-NRC के साथ CAA का उद्देश्य केवल मुसलमानों को टारगेट करना है, इसका कोई अन्य उद्देश्य नहीं है। CAA, NPR, NRC का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतरे भारतीयों के पास फिर से इसका विरोध करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।"

बगैर दस्तावेज के नागरिकता दी जा सकती है

गृह मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि आवेदन पूरी तरह से ऑनलाइन मोड में जमा किए जाएंगे, जिसके लिए एक वेब पोर्टल उपलब्ध कराया गया है। बगैर दस्तावेज के इन लोगों को नागरिकता दी जा सकती है। बता दें कि CAA को दिसंबर, 2019 में पारित किया गया था और बाद में इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई थी। हालांकि, इसके खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। इसके बाद यह कानून लागू नहीं हो सका था। अब सीएए कानून लागू होने के साथ संवेदनशील इलाकों में पुलिस की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

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