अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन के सैनिकों के बीच 9 दिसंबर को हुई झड़प की घटना को लेकर विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार पर हमलावर हैं। विपक्षी दल के नेता इस मुद्दे पर संसद में चर्चा की लगातार मांग कर रहे हैं। इस बीच, एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। ओवैसी ने कहा कि आखिर पीएम मोदी इस मुद्दे पर किसी तरह की चर्चा करने से क्यों कतराते हैं?
ओवैसी ने कहा, "गलवान हिंसा के समय भी देश के प्रधानमंत्री ने कहा था कि न कोई घुसा है और न कोई घुसेगा। उन्होंने अपने बयानों से देश को गुमराह किया कि हमारे क्षेत्र में कोई नहीं आया है। ऐसी सैटेलाइट तस्वीरें हैं, जो दिखाती हैं कि चीनी सैनिकों ने डेपसांग और डेमचोक पर कब्जा कर लिया है। वे हमारी जमीन हड़पना जारी रखेंगे, फिर भी उनके साथ असंतुलित व्यापार जारी रख रहे हैं।"
'सरकार संसद में बहस क्यों नहीं कराती?'
उन्होंने कहा, "हमारी फौज बहादूर है, मगर हमारी सरकार चीन के मामले में कमजोर है। सरकार इस मुद्दे पर संसद में बहस क्यों नहीं कराती? हमारा चीन के साथ जो व्यापार में असंतुलन है उसके लिए सरकार क्या कर रही है? वह टिकटॉक बैन कर रही है। सरकार चीन का नाम नहीं ले रही है। ओवैसी ने कहा कि मोदी सरकार लोगों के सामने आधा सच बोलती है। उन्होंने कहा कि सरकार को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए या संसद में बहस करनी चाहिए और हमें बताना चाहिए कि वे चीन पर क्या फैसला ले रहे हैं। यदि सरकार राजनीतिक नेतृत्व दिखाती है, तो पूरा देश उनका समर्थन करेगा। उन्होंने कहा कि हमारी सेना बहुत ताकतवर है, लेकिन सरकार बहुत कमजोर है और चीन से डरती है।
'सरकार चीन का नाम लेने से भी कतरा रही है'
कॉन्फ्रेंस के दौरान ओवैसी ने पीएम मोदी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि सरकार चीन का नाम लेने से भी कतरा रही है। लाल आंखें दिखाने का वक्त आ गया है। उन्होंने कहा, अब पीएम को 56 इंच का सीना दिखाना चाहिए। औवेसी ने साफ किया कि वह जंग की बात नहीं कर रहे हैं, लेकिन यह मुद्दा बहुत बड़ा है और इस पर मजबूत राजनीतिक नेतृत्व दिखाना बहुत जरूरी है। साथ ही ओवैसी ने कहा कि हमने बफर जोन बनाकर गलती की है।