Asaduddin Owaisi: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आज मंगलवार को चीन के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि पीएम ने देश से कहा कि कोई भी हमारे क्षेत्र में नहीं आया है, लेकिन चीनी सैनिक अंदर हैं। उन्होंने कहा कि जब कोई घुसा नहीं है, तो हॉटस्प्रिंग से पीछे कौन हट रहा है। ओवैसी ने कहा कि बीजेपी कह रही है कि चीन के साथ 15-16 दौर की बातचीत के बाद डिसइंगेजमेंट हुआ है। डिसइंगेजमेंट हो गया है, डी-एस्केलेशन नहीं हुआ है, जो कि होना चाहिए था।
ओवैसी ने कहा, "डी-एस्केलेशन और डिसइंगेजमेंट में जमीन-आसमान का फर्क है। डी-एस्केलेशन होना चाहिए था। वो आज भी घुसे हुए हैं, डेमचोक और देपसांग से कब हटेंगे? चीन के आगे हम क्यों झुक रहे हैं? अगर पीएम मोदी चीन के राष्ट्रपति से मिल रहे हैं, तो इसका मतलब यह है कि चीन से डरकर भारत ने डेमचोक और देपसांग को चीन के हवाले कर दिया है।"
'सरकार को देश को डिसइंगेजमेंट का मतलब बताना होगा'
ओवैसी ने आगे कहा कि पीएम मोदी ने ऑल पार्टी मीटिंग में कहा था कि न कोई घुसा था और न कोई घुसेगा, तो फिर 15-16 दौर की कौन सी बातचीत हुई है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से एससीओ समिट में नहीं मिलना चाहिए, जब तक डेमचोक और देपसांग से चीनी सेना नहीं हटेगी, तब तक नहीं मिलना चाहिए। साथ ही कहा कि सरकार को देश को डिसइंगेजमेंट का मतलब बताना होगा।
'गैर-सहायता प्राप्त मदरसों को टारगेट कर सर्वे करना गलत'
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में मदरसों के सर्वेक्षण को ओवैसी ने मुस्लिम समुदाय पर निशाना बताया है। उन्होंने कहा, "निजी स्कूलों, मिशनरी स्कूलों, सरकारी स्कूलों और संघ के स्कूलों का भी सर्वे होना चाहिए। सरकारी मदद से वंचित रहने वाले मदरसों को टारगेट कर उनका सर्वे करना गलत है।"
'नए संसद भवन का नाम बाबासाहेब आंबेडकर के नाम पर हो'
इसके साथ AIMIM चीफ ने केंद्र सरकार से एक और अपील की। उन्होंने कहा कि केंद्र को नए संसद भवन का नाम बाबासाहेब आंबेडकर के नाम पर रखना चाहिए। उन्होंने तेलंगाना विधानसभा में इससे जुड़ा प्रस्ताव पारित कराने के लिए तेलंगाना सीएम के चंद्रशेखर राव का शुक्रिया अदा किया। साथ ही मांग की कि राज्य में जो सचिवालय की इमारत बन रही है, उसे भी आंबेडकर का नाम दिया जाए।