कर्नाटक के एक कॉलेज में प्रोफेसर ने एक मुस्लिम छात्र की तुलना आतंकी कसाब से की, जिसे लेकर बवाल मचा हुआ है। इसे लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कड़ी आपत्ति जताई है। ओवैसी ने कहा कि देश के हालात में जहर घोल दिया गया है, अल्पसंख्यक समाज के ताल्लुक से नफरत पैदा कर दी गई है। उन्होंने कहा कि मैं सलाम करता हूं उस बच्चे का जिस तरह से उसने अपनी बात रखी।
'आंख में आंख डालकर सवाल करना पड़ेगा'
एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा, "बच्चे ने जिस तरह से अपनी बात रखी, वो हम सभी को करना पड़ेगा। यही मिजाज पैदा करना पड़ेगा। जो तुमसे तुम्हारा हक छीन रहा है, उनसे आंख में आंख डालकर सवाल करना पड़ेगा। पत्थर मारने से हक नहीं मिलेगा।" ओवैसी ने कहा, "अपने मुकद्दर के फैसले करना शुरू करोगे तो दुनिया तुम्हारी इज्जत करना शुरू करेगी। जो आज तुमको आतंकवादी कह रहे हैं वो कल तुम्हारे सामने सिर झुकाकर खड़े रहेंगे और कहेंगे कि बोलो बॉस क्या आदेश है।" उन्होंने कहा कि किसी शायर ने बड़ा खूब कहा था, "ये खामोश मिजाजी तुम्हें जीने नहीं देगी, इस दौर में जीना है तो कोहराम मचा दो।"
'भारत के संविधान का अपमान करने जैसा है'
ओवैसी ने कहा कि उस बच्चे ने जो जवाब दिया, मुझे बहुत खुशी हुई। उन्होंने यह भी कहा कि बच्चे को आतंकवादी कहना भारत के संविधान का अपमान करने जैसा है। ओवैसी ने कहा कि जो दाढ़ी वाला और बुरखा पहनने वाली दिखती है, उसको बोलते हैं कि ये जा रहा है, आतंकवादी जा रहा है, बल्कि हद तो यह हो गई कि कर्नाटक की एक निजी यूनिवर्सिटी में क्लास के अंदर एक प्रोफेसर ने एक मुसलमान बच्चे से पूछा कि तुम्हारा नाम क्या है, तो उसने अपना नाम बताया। ओवैसी ने कहा, "इस पर प्रोफेसर ने कहा- तू कसाब है। यानी अजमल कसाब है तू। बताइए नफरत कहां चली गई। दौलतमंदों और गरीबों से निकलकर प्राइवेट यूनिवर्सिटी में चली गई।"
मैं उस बच्चे को सलाम करता हूं: ओवैसी
ओवैसी ने कहा, "मैं उस बच्चे को सलाम करता हूं कि उसने पूरी हिम्मत के साथ उसने प्रोफेसर से कहा कि आपने मुझे उस नाम से कैसे पुकारा। बार-बार जब उसने यह सवाल उठाया तो प्रोफेसर ने कहा कि तुम मेरे बेटे की तरह हो। इस पर छात्र ने कहा कि क्या आप अपने बेटे को आतंकवादी कहकर बुलाते हो। आप मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकते। आप मुझसे ऐसे बात नहीं कर सकते।"
ओवैसी ने कहा कि हमको देखकर इलजाम लगाने वालों तुमने उस बच्चे को जलील नहीं किया, बल्कि भारत के उस संविधान को जलील और कमजोर करना चाहते हो। उन्होंने कहा, "जब वह बच्चा टीचर के साथ बहस कर रहा था, तो बगल में बैठने वाले अन्य बच्चे उन्हें चुप रहने को कह रहे थे। ऐसा मेरे साथ भी होता है कि ओवैसी तुम चुनाव मत लड़ो, यह मत करो, वह मत करो।"