दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल फिलहाल अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर हैं। उन्हें अगले कुछ दिनों में फिर से तिहाड़ जेल में सरेंडर करना है। इस बीच सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी। इस याचिका में अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग की गई थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया। सोमवार को हुई सुनवाई में शीर्ष अदालत ने कहा कि कार्रवाई करना दिल्ली के एलजी पर निर्भर करता है।
केजरीवाल के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम सुनवाई
इस मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल पर निर्भर है। अगर वह चाहें तो कार्रवाई करें। लेकिन केजरीवाल को सीएम पद से हटाने वाले मामले में हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि यह मामला औचित्य का है। लेकिन केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। पीठ ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि जब अरविंद केजरीवाल के मामले की सुनवाई चल रही थी तो हमने उनसे भी यह सवाल किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
अदालत ने कहा कि यह मामला औचित्य का है और इसका कोई कानूनी अधिकार नहीं है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका कांत भाटी द्वारा दायर की गई थी। इस याचिका को दायर करते हुए सुप्रीम कोर्ट के 10 अप्रैल के आदेश को चुनौती दी गई थी। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में तर्क दिया था कि अरविंद केजरीवाल व्यक्तिगत स्वार्थ के कारण दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देना चाहते हैं। सीएम केजरीवाल के जेल में होने से कई महत्वपूर्ण काम दांव पर लगा हुआ है।