Highlights
- अरविंद केजरीवाल ने किया गुजरात में वादा
- कहा, सरकार बनी तो आंदोलनकारियों के खिलाफ मामले वापस लेंगे
- बीजेपी पर लगाएं गंभीर आरोप
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुजरात के भावनगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राज्य में आप सरकार के गठन के पंद्रह दिनों के भीतर विभिन्न आंदोलन नेताओं के खिलाफ मामले वापस लेने का वादा किया है। उन्होंने सरकारी कर्मचारी संघ से यह भी वादा किया कि आप उन कर्मचारियों की सेवाओं को बहाल करेगी, जिन्हें स्थानांतरण, या निलंबन के रूप में दंडित किया गया। केजरीवाल ने कहा, अब लोग सरकार चलाने के लिए नए इंजन की तलाश कर रहे हैं, उन्हें अब डबल इंजन वाली सरकार में कोई दिलचस्पी नहीं है, जैसा कि भाजपा दावा करती है।
'एक बार मौका दें लोग'
उन्होंने लोगों से आप को एक मौका देने का आग्रह किया और कहा कि अगर लोग राज्य में आप के शासन से संतुष्ट नहीं होंगे तो वह अगली बार अपनी पार्टी के लिए वोट मांगने नहीं आएंगे। केजरीवाल ने आगे कहा कि खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, आप चुनाव के बाद राज्य में सरकार बनाने जा रही है, लेकिन बहुत कम अंतर से यानी 92 या 93 सीटों के साथ। उन्होंने कहा, अगर पार्टी सिर्फ 92-93 सीटों के साथ सत्ता में आती है, तो ये लोग आप विधायकों को लुभाएंगे और आप को सरकार बनाने से रोकेंगे, ये बहुत चालाक लोग हैं। उन्होंने कहा कि वह गुजरात में प्रचंड बहुमत और मजबूत सरकार चाहते हैं।
पंजाब में भ्रष्टाचार, माफिया मुक्त सरकार
आप ने भ्रष्टाचार, माफिया संस्कृति को खत्म कर राजनीति में नया युग शुरू किया। पंजाब में आम आदमी पार्टी के सात महीने के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने रविवार को कहा कि सरकार ने पिछले सात दशकों में पिछली सरकारों द्वारा संरक्षित भ्रष्टाचार और माफिया संस्कृति को खत्म करके राजनीति के एक नए युग की शुरुआत की है। मीडिया को संबोधित करते हुए पंजाब के आवास और शहरी विकास मंत्री अरोड़ा ने पिछली कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) और भाजपा सरकारों को पंजाब को कर्ज में धकेलने के लिए फटकार लगाते हुए कहा कि उनके अधिकांश नेता भ्रष्टाचार में लिप्त थे, अपना खजाना भर रहे थे।
आप सरकार ने राज्य का खोया हुआ गौरव वापस लाने के लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। उन्होंने सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि भगवंत मान सरकार ने सात महीनों में ऐतिहासिक फैसले लिए, जो पिछली सरकारें अपने पिछले 70 वर्षो के शासन में लेने में विफल रही थीं।