Monday, November 25, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. अरुणाचल प्रदेश के ग्रामीणों ने चीन को दिया ऐसा जवाब, सुनकर हैरत में पड़ जाएगा ड्रैगन, जानें क्या कहा

अरुणाचल प्रदेश के ग्रामीणों ने चीन को दिया ऐसा जवाब, सुनकर हैरत में पड़ जाएगा ड्रैगन, जानें क्या कहा

अगस्त के महीने में चीन ने एक मैप जारी किया था जिसमें अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चीन को अपना हिस्सा बताया था। इसे लेकर अरुणाचल प्रदेश के तवांग गांव के ग्रामीणों ने चीन को करारा जवाब दिया है और कहा कि बेवजह की ऐसी हरकत ना करे।

Edited By: Kajal Kumari @lallkajal
Updated on: October 01, 2023 14:37 IST
arunachal pradesh- India TV Hindi
Image Source : ANI अरुणाचल प्रदेश के ग्रामीणों ने दिया चीन को करारा जवाब

अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती गांवों के निवासी भी अब चीन की हरकतों पर अपना आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं और चीन को करारा जवाब देते हुए कह रहे हैं कि हमारा राज्य हमेशा भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा। बता दें कि अगस्त में चीन ने एक 'मानक मानचित्र' जारी किया था जिसमें दावा किया गया था कि अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन उसके क्षेत्र का हिस्सा हैं। इसके जवाब में अरुणाचल के तवांग सेक्टर के अंतर्गत आने वाले सेंगनुप, खारसेनेंग और ग्रेंगखार गांवों के ग्रामीणों ने कहा कि चीन अपनी हरकतों से बाज आए। ग्रामीणों ने कहा कि वे यहां शांतिपूर्ण माहौल में रह रहे हैं और भारतीय सेना और वर्तमान सरकार के कारण वे सुरक्षित महसूस करते हैं।

बोले ग्रामीण-भारतीय होने पर हमें गर्व है

खरसेनेंग क्षेत्र के एक ग्रामीण संगे दोरजी ने एएनआई को बताया कि, केंद्र में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी सरकार और पेमा खांडू के नेतृत्व वाली अरुणाचल प्रदेश सरकार ने सीमावर्ती गांवों में बहुत सारे विकास कार्य किए हैं। "पहले, हमारे क्षेत्र में सड़क की स्थिति बहुत खराब थी, लेकिन वर्तमान सरकार ने हमारे गांव में एक कंक्रीट सड़क बनाई है, जिसके लिए ग्रामीणों को उपयुक्त सड़क कनेक्टिविटी मिल रही है। हमारे गांव में अधिकांश लोग किसान हैं और सरकार ने हम सबकी मदद की है। संगे दोरजी ने कहा, हम केंद्र और राज्य दोनों सरकारों द्वारा किए गए कार्यों से खुश हैं। वहीं ग्रेंगखार गांव के स्थानीय निवासी कारचुंग ने कहा कि एक भारतीय होने के नाते उन्हें गर्व महसूस होता है।

जरूरत पड़ी तो भारतीय सेना के साथ लड़ेंगे

एक अन्य ग्रामीण योंतान ने कहा कि अरुणाचल हमेशा भारत का हिस्सा है और रहेगा। वहीं कारचुंग ने कहा "हम भारतीय सेना और सरकार के साथ हैं। चीन अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बता रहा है, लेकिन अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है। हम चीन के सामने नहीं झुकेंगे। अगर जरूरत पड़ी तो हम भारतीय सेना के साथ लड़ने के लिए जाएंगे।" 

बता दें कि वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को इस साल 15 फरवरी को मंजूरी दी गई थी, जिसमें वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2025-26 की अवधि के लिए केंद्र का 4800 करोड़ रुपये का योगदान दिया गया था, जिसमें विशेष रूप से सड़क कनेक्टिविटी के लिए 2500 करोड़ रुपये और गांवों के व्यापक विकास के उद्देश्य से योजना शामिल थी। सीमावर्ती क्षेत्रों में लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने और ढांचागत विकास कार्यों को विकसित करने के लिए सरकार ने अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड,  और केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में उत्तरी सीमा से सटे 19 जिलों के 46 ब्लॉकों में चयनित गांवों के व्यापक विकास के लिए 15 फरवरी 2023 को केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम (वीवीपी) को मंजूरी दी थी।

(इनपुट-एएनआई)

 

ये भी पढ़ें:

आज से महंगा मिलेगा LPG गैस सिलेंडर, कंपनियों ने बढ़ाए दाम, सितंबर महीने में हुआ था सस्ता

एक अक्टूबर से वंदे भारत ट्रेन की सफाई महज 14 मिनट में होगी : रेल मंत्री

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement