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गंगा किनारे काम करने वालों को बड़ा तोहफा, ‘अर्थ गंगा केंद्र’ स्थापित करेगी मोदी सरकार, आखिर क्या है ये और कैसे करेगा लोगों की मदद?

Arth Ganga Kendra: यह प्रौद्योगिकी के उपयोग एवं अन्य गतिविधियों से क्षेत्र में आर्थिक और परिस्थितिकी के अनुकूल कार्यो को प्रोत्साहित करेगा, जो समुदाय के लिए उपयोगी हों। इस योजना की अनुमानित लागत 5.20 करोड़ रूपये है और इसकी अवधि 36 महीने निर्धारित की गई है।

Edited By: Shilpa
Published : Aug 30, 2022 17:28 IST, Updated : Aug 30, 2022 18:25 IST
Arth Ganga Kendra-Government
Image Source : PTI Arth Ganga Kendra-Government

Highlights

  • मोदी सरकार अर्थ गंगा केंद्र स्थापित करेगी
  • आजीविका के स्रोतों को विकसित किया जाएगा
  • गंगा किनारे काम करने वालों को होगा फायदा

Arth Ganga Kendra: सरकार गंगा नदी के किनारे लोगों की आजीविका के स्रोतों और संसाधनों को विकसित करने के कार्यक्रमों में समन्वय के लिए ‘अर्थ गंगा केंद्र’ और ‘गंगा संसाधन केंद्र’ स्थापित करेगी। ये केंद्र कृषि, वानिकी, जैव शिल्प, इको टूरिज्म, नौकायन, साहसिक पर्यटन, योग, स्थानीय उत्पाद को बढ़ावा देने से जुड़ी गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए समुदायों, वैज्ञानिकों और गांव के बीच ‘सेतु’ का काम करेंगे। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के एक अधिकारी ने बताया, ‘एनएमसीजी की कार्यकारी समिति की 17 अगस्त को हुई बैठक में इससे संबंधित एक प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। इसके तहत सामुदायिक एवं स्थानीय संसाधनों एवं प्रौद्योगिकी के संयोग से अर्थ गंगा मॉडल पर कार्य को आगे बढ़ाने का खाका तैयार किया गया है।’

योजना के मसौदे के अनुसार, इसमें गंगा नदी के किनारे रहने वाले लोगों के सामुदायिक विकास एवं भविष्य की जरूरतों से जुड़ी उनकी समस्याओं के लिए अर्थ गंगा कार्यक्रम के माध्यम से वैकल्पिक समाधान प्रस्तुत करने एवं नए कौशल का विकास करने पर जोर दिया गया है। इसके तहत गंगा नदी के तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को सशक्त बनाने और पारिस्थितिकी को ध्यान में रखते हुए आर्थिक उत्थान के उद्देश्य से एक ‘अर्थ गंगा केंद्र ’ और इनके सहयोग के लिए तीन ‘गंगा संसाधन केंद्र’ स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है। इसमें कहा गया है कि अर्थ गंगा केंद्र, गंगा मिशन के कार्य को आगे बढ़ाने के महत्वपूर्ण बिंदू के रूप में काम करेगा। 

अनुमानित लागत 5.20 करोड़ रूपये बताई गई

यह प्रौद्योगिकी के उपयोग एवं अन्य गतिविधियों से क्षेत्र में आर्थिक और परिस्थितिकी के अनुकूल कार्यो को प्रोत्साहित करेगा, जो समुदाय के लिए उपयोगी हों। इस योजना की अनुमानित लागत 5.20 करोड़ रूपये है और इसकी अवधि 36 महीने निर्धारित की गई है। इसमें कहा गया है कि, ‘अर्थ गंगा केंद्र एक ऐसे संस्थान के रूप में काम करेगा, जो इस उद्देश्य के लिए सभी तरह के जरूरी ज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से लैस होगा। यह गंगा संसाधन केंद्र एवं अन्य संसाधन संस्थाओं के बीच संपर्क भी स्थापित करेगा।’ गंगा नदी से जुड़ी विविध गतिविधियों को लेकर ‘अर्थ गंगा केंद्र’ पंचायतों, स्थानीय मीडिया और स्वयंसेवी संगठनों के साथ बैठकों का आयोजन भी करेगा।

योजना के तहत कौन सी चीजें की जाएंगी शामिल?

अधिकारी ने बताया कि अर्थ गंगा के तहत आजीविका सृजन के अवसरों जैसे घाट में हाट, स्थानीय उत्पादों का प्रचार, आयुर्वेद, औषधीय पौधे, गंगा प्रहरी जैसे स्वयंसेवकों का क्षमता निर्माण भी किया जा रहा है। अर्थ गंगा मॉडल अकेले गंगा बेसिन से ही सकल घरेलू उत्पाद का कम से कम 3 प्रतिशत योगदान करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। उन्होंने कहा कि गंगा के किनारे बसे राज्यों में किसानों, सहकारी समितियों के बीच प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना और 'प्रति बूंद अधिक शुद्ध आय' उत्पन्न करना, बाजार संपर्क के निर्माण के माध्यम से ब्रांड गंगा के तहत प्राकृतिक खेती या जैविक उत्पाद के विपणन की सुविधा प्रदान करना, वित्‍तीय विकल्‍प के माध्यम से लोगों और नदी के संपर्क को बढ़ावा देने के लिए कार्य शुरू किया गया है।

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