आर्ट डायरेक्टर नितिन देसाई आत्महत्या मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने आरोपियों को फिलहाल किसी भी तरह की राहत देने से साफ इनकार कर दिया है। आरोपियों ने पुलिस द्वारा मामले में उनपर दर्ज की गई FIR को रद्द करने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट के समक्ष याचिका दायर की थी।
कोर्ट ने सुनी दलीलें
कोर्ट के सामने मामले के एक आरोपी जीतेंद्र कोठारी के वकील ने कहा कि जितेंद्र ने केवल अपना कर्तव्य निभाया है। उन्हें आईआरपी नियुक्त किया गया था इस कारण उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए। वहीं, दूसरे आरोपी और एडलवाइस के CEO राशेष शाह के वकील ने कोर्ट से राहत मागते हुए कहा की कंपनी ने पुलिस को सभी जरूरी दस्तावेज दे दिए हैं। एनसीएलटी ने दिवालिया कार्रवाई का आदेश दिया था। आदेशों का पालन करना कंपनी का दायित्व है। वहीं, मामले में सरकारी वकील ने कोर्ट से कहा की, आरोपी को अग्रिम जमानत याचिका दायर करना चाहिए इस तरह की याचिका नहीं।
इस तारीख को फैसला
दोनों ही पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने आरोपियों को फिलहाल किसी भी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि वह 18 अगस्त को मामले की अगली सुनवाई में फैसला करेगी कि आरोपियों को कोई सुरक्षा दी जाए या नहीं।
बुधवार को हुई थी मौत
बॉलीवुड के मशहूर आर्ट डायरेक्टर नितिन देसाई ने 2 अगस्त को आत्महत्या कर ली थी। मुंबई से सटे रायगढ़ में उनका शव उनके ही स्टूडियो में लटका मिला था। पुलिस ने मामले की जांच करते हुए आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में कुल 5 लोगों पर FIR दर्ज की थी।
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