अपने बयानों से सियासी हंगामा खड़े करने वाले जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी इन दिनों बदले बदले से नजर आ रहे हैं। मदनी ने तीन महीने पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात और अब निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी से मुलाकात की है। कल हरिद्वार में दोनों धर्म गुरुओं की मुलाकात हुई। मुलाकात के बाद अरशद मदनी ने कहा कि देश में हिन्दू मुस्लिम एक हैं। साथ ही मदनी ने जबरन धर्मांतरण को गलत करार दिया है। मदनी का कहना है कि किसी का जबरन धर्म बदलवाना कहीं से भी जायज नहीं है। लेकिन तीन महीने में हुई इन दो अहम मीटिंग के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि आखिर इस मुलाकात का मकसद क्या हैं?
जबरन धर्मांतरण समेत कई मुद्दों पर चर्चा
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के विवादित बयानों की फेहरिस्त काफी लंबी है। लेकिन संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात के बाद अब अरशद मदनी बदले-बदले से नजर आ रहे हैं। दरअसल, अरशद मदनी हरिद्वार में काली मंदिर में निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी से मुलाकात करने पहुंचे। इस दौरान कैलाशानंद गिरी ने उन्हें भगवा अंगवस्त्र पहनाया तो मदनी ने भी कुरान शरीफ कैलाशानंद को भेंट की। दोनों के बीच का काफी देर तक बात हुई। अभी तक इस मुलाकात का एजेंडा तो सामने नहीं आया है, लेकिन सूत्रों की मानें तो इस दौरान दोनों के बीच आतंकवाद, हिन्दू मुस्लिम एकता और जबरन धर्मांतरण जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई।
संघ के दरवाजे पर पहुंचे थे अरशद मदनी
वहीं मुलाकात के बाद अरशद मदनी ने एक बार फिर हिन्दू मुस्लिम एकता की बात की। इस दौरान उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत का भी जिक्र करते हुए कहा कि हम दोनों की राय एक ही है। बताते चलें कि पिछले साल 31 अगस्त को अरशद मदनी ने दिल्ली में संघ कार्यालय में मोहन भागवत से मुलाकात की थी। ये जमीयत उलेमा-ए-हिंद के इतिहास में पहली बार था जब जमीयत का कोई अध्यक्ष संघ के दरवाजे पर पहुंचा था। मोहन भागवत और मदनी की मुलाकात के बाद हालांकि कोई बयान सामने नहीं आया था, लेकिन हरिद्वार में मदनी ने मोहन भागवत की बात का जिक्र करके साफ कर दिया कि उस दिन क्या बात हुई थी।
निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर हैं कैलाशानंद गिरी
कैलाशानंद गिरी और अरशद मदनी की मुलाकात के भी कई मायने निकाले जा रहे हैं। जहां तक बात कैलाशानंद गिरी महाराज की है तो वे निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर हैं। इसमें 33 महामंडलेश्वर और 1 हजार से ज्यादा महंत और श्रीमहंत हैं। निरंजनी अखाड़े में सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे साधू हैं। इनमें डॉक्टर, प्रोफेसर और प्रोफेशनल शामिल हैं। निरंजनी अखाड़े के करीब 70 फीसदी साधु-संतों ने उच्च शिक्षा प्राप्त की है। इस अखाड़े में दस हजार से अधिक नागा संन्यासी हैं।