Highlights
- ED KR जांच के दायरे में आई 3 कंपनियों के तीन अलग-अलग पते
- कंपनियों का डायरेक्टर बनाए जाने के बारे में अर्पिता के बहनोई को नहीं है जानकारी
- निजी इस्तेमाल की चीजें खरीदकर अर्पिता के घर पहुंचाता था बहनोई
Arpita Mukherjee: पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले (Bengal Teacher Recruitment Scam) में ममता सरकार के गिरफ्तार हुए मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी ने अपने बहनोई को 3 फर्जी कंपनियों का डायरेक्टर नियुक्त किया था। ED के अधिकारियों ने पाया कि तीन फर्जी कंपनियों- सिम्बायोसिस मर्चेट प्राइवेट लिमिटेड, सेंट्री इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड और एचे एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड में निदेशक के रूप में अर्पिता मुखर्जी और कल्याण धर के नाम हैं। अधिकारियों को अंत में पता चला कि धर अर्पिता की छोटी बहन का पति है।
मेंटेनेंस चार्ज के तौर पर 60,000 रुपये बकाया
वहीं, आपको बता दें कि अर्पिता मुखर्जी बेलघोरिया में क्लब टाउन सोसाइटी में रहती हैं और यहां उनके दो फ्लैट हैं। उनके घर से लगातार कैश और कीमती सामान निकल रहा है लिहाजा सोसाइटी के लोगों की नजरें भी उनके फ्लैट पर टिकी हैं। इतना सारा कैश देखकर लोग हैरान हैं। सोसाइटी के अध्यक्ष ने बताय कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा है कि किसी के घर में इतना पैसा कैसे रखा जा सकता है। उन्होंने कहा, मुझे याद है कि हम 2019 में इस महिला से मिले थे। उसके यहां दो फ्लैट हैं। हमने उनसे दुर्गा पूजा के लिए 5,000 रुपये चंदा मांगा था तो उसने कहा कि वो इतना पैसा नहीं दे सकती, लेकिन कोशिश करेंगी। हालांकि, हमें कभी पैसा नहीं मिला। इतना ही नहीं, जनवरी 2022 से अर्पिता मुखर्जी का मेंटेनेंस चार्ज के तौर पर 60,000 रुपये बकाया है।
अर्पिता का पर्सनल ड्राइवर है बहनोई
अर्पिता के बहनोई कल्याण धर ने ED के अधिकारियों को सूचित किया है कि उन्हें तीन कंपनियों के डायरेक्टर के रूप में अपना नाम शामिल किए जाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है। धर ने बताया कि वह पेशे से ड्राइवर है और 2011 में अर्पिता मुखर्जी ने उसे 10,000 रुपये के मासिक वेतन पर अपना पर्सनल ड्राइवर नियुक्त किया और बाद में बढ़ाकर 18,000 रुपये प्रति माह कर दिया। हालांकि, ईडी के अधिकारियों ने कहा कि धर ने उन्हें बताया है कि कुछ साल पहले अर्पिता को आधार कार्ड, पैन कार्ड और मतदाता पहचानपत्र जैसे उनके पहचान विवरण की फोटोकॉपी मिली थी। ईडी के एक अधिकारी ने कहा, "हालांकि, धर ने हमें सूचित किया है कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि उन्हें इन दस्तावेजों की फोटोकॉपी क्यों मिली। हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि धर के दावे कितने सही हैं।"
जांच के दायरे में आई 3 कंपनियों के तीन अलग-अलग पते
धर ने यह भी बताया कि ड्राइविंग असाइनमेंट के अलावा, वह अपनी पत्नी की बड़ी बहन के लिए भी काम करता था। उसे निजी इस्तेमाल की चीजें खरीदकर दक्षिण कोलकाता के डायमंड पार्क कॉम्प्लेक्स स्थित अर्पिता के आवास पर पहुंचाना पड़ता था। ईडी की जांच के दायरे में आई तीन कंपनियों के तीन अलग-अलग पते हैं। सेंट्री इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड का पता, जिसका पंजीकृत कार्यालय डायमंड सिटी साउथ, टॉवर-2, फ्लैट नंबर-1 ए, पहली मंजिल, कोलकाता - पश्चिम बंगाल- 700041 है। यह वही हाउसिंग कॉम्प्लेक्स है, जिसमें अर्पिता मुखर्जी का आवास है, जहां ईडी के अधिकारी 23 जुलाई को पहुंचे थे भारी खजाना बरामद किया था।
दूसरी कंपनी, सिम्बायोसिस मर्चेट्स प्राइवेट लिमिटेड और उसका पंजीकृत कार्यालय 19, नवाब अब्दुल लतीफ स्ट्रीट, 22, बेलघरिया, उत्तर 24 परगना कोलकाता - पश्चिम बंगाल 700056 है। यह वह इलाका है, जहां अर्पिता मुखर्जी का पैतृक निवास है, जहां उनकी विधवा मां अभी भी रहती हैं।
संघ के तहत रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (ROC) के रिकॉर्ड के अनुसार तीसरी कंपनी एच्छे एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड है, जिसका पंजीकृत पता 95, राजदंगा मेन रोड, एलपी-107/439/78, कोलकाता-पश्चिम बंगाल 700107 है। हालांकि, ईडी को पहले ही शिकायत मिल चुकी है कि एच्छे एंटरटेनमेंट का पता वास्तव में अर्पिता के छोटे भाई की केबल टेलीविजन कंपनी के नाम पर दर्ज है। उसने अपने दावे के पक्ष में ट्रेड लाइसेंस सहित दस्तावेज भी पेश किए।