Monday, November 25, 2024
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सेना होगी अब और आत्मनिर्भर, प्रधानमंत्री ने रखी देश के पहले मिलिट्री एयरक्रॉफ्ट विनिर्माण संयंत्र की आधारशिला

India's First Military Aircraft Manufacturing Plant:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को गुजरात के वडोदरा में भारतीय वायुसेना के लिए सी-295 परिवहन विमान बनाने वाले संयंत्र की आधारशिला रखी। इन विमानों का उत्पादन टाटा समूह और एयरबस का गठजोड़ करेगा।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: December 16, 2022 0:11 IST
एयरक्राफ्ट (प्रतीकात्मक फोटोे)- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV एयरक्राफ्ट (प्रतीकात्मक फोटोे)

India's First Military Aircraft Manufacturing Plant:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को गुजरात के वडोदरा में भारतीय वायुसेना के लिए सी-295 परिवहन विमान बनाने वाले संयंत्र की आधारशिला रखी। इन विमानों का उत्पादन टाटा समूह और एयरबस का गठजोड़ करेगा। देश में यह अपनी तरह की पहली परियोजना है जिसमें एक सैन्य विमान का विनिर्माण निजी कंपनी की तरफ से किया जाएगा। इस संयंत्र में बनने वाले इस मध्यम परिवहन विमानों की आपूर्ति भारतीय वायुसेना को की जाएगी। आत्म निर्भरता की ओर बढ़ रहे भारत के लिए यह एक और बड़ी उपलब्धि होगी। इससे भारतीय सेना की ताकत में और अधिक इजाफा होगा।

विदेश में भी बेचे जाएंगे भारत में बने मिलिट्री एयरक्रॉफ्ट

भारत में बनने वाले मिलिट्री एयरक्रॉफ्ट अब विदेशी बाजारों को भी भेजे जाएंगे। गत वर्ष सितंबर में भारत ने प्रमुख विमान विनिर्माता कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ 21,935 करोड़ रुपये मूल्य का समझौता किया था जिसके तहत वायुसेना के पुराने पड़ चुके परिवहन विमान एवरो-748 की जगह लेने के लिए एयरबस से 56 सी-295 विमानों की खरीद का प्रावधान था। इस समझौते के तहत एयरबस स्पेन के सेविले स्थित अपनी असेंबली इकाई से 16 विमानों को पूरी तरह तैयार स्थिति में चार साल के भीतर भारत को सौंपेगा। बाकी 40 विमानों को भारत में ही टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) के सहयोग से बनाया जाएगा।

2023 से 25 के बीच वायुसेना को मिलेंगे 16 मिलिट्री एयरक्रॉफ्ट
समझौते के मुताबिक, उड़ान के लिए तैयार 16 विमानों को सितंबर, 2023 से लेकर अगस्त, 2025 के बीच भारतीय वायुसेना को सौंप दिया जाएगा। वहीं भारत में स्थानीय स्तर पर बनने वाले पहले सी-295 विमान के वडोदरा विनिर्माण संयंत्र में सितंबर, 2026 तक बनकर तैयार हो जाने की संभावना है। बाकी 39 विमानों को अगस्त, 2031 तक बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया है। टाटा समूह और एयरबस के इस विमान विनिर्माण संयंत्र की आधारशिला रखे जाने के कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी शामिल हुए। इस मौके पर भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने कहा कि इस संयंत्र में बनने वाला विमान उन्नत लैंडिंग ग्राउंड के अलावा आधी-अधूरी हवाई-पट्टियों से भी उड़ान भर पाने में सक्षम होगा।

सी-295 विमान होंगे स्वदेशी इलेक्ट्रानिक वारफेयर टेक्नोलॉजी से लैस
भारतीय वायुसेना को मिलने वाले सभी सी-295 विमान स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर प्रणाली से लैस होंगे, जिसका विकास भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड मिलकर करेंगे। एयरबस का यह मध्यम परिवहन विमान पहली बार यूरोप से बाहर किसी देश में बनाया जाएगा। भारतीय वायुसेना के लिए निर्धारित विमानों की आपूर्ति करने के बाद एयरबस को इस संयंत्र में तैयार विमानों को दूसरे देशों के असैन्य विमान परिचालकों को भी बेचने की इजाजत होगी। हालांकि, दूसरे देशों में इन विमानों की मंजूरी के पहले एयरबस को भारत सरकार से मंजूरी लेनी होगी। इस मौके पर रक्षा सचिव अजय कुमार ने कहा कि इस विमान के विनिर्माण में लगने वाले स्वदेशी उपकरणों का अधिकतम इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वडोदरा संयंत्र में एयरबस अपने विदेशी संयंत्र का करीब 96 प्रतिशत उत्पादन कार्य कर सकेगी।

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