भारतीय सेना का लोहा पूरी दुनिया मानती है। कभी बर्फीली चोटियों पर, तो कभी मरुस्थल के तपती गर्मी में हमारे जाबांज सैनिक दमदारी से तैनात रहते हैं। जंग की स्थिति में अहम भूमिका निभाने वाली आर्टिलरी रेजिमेंट, जिससे दुश्मन सेना भी कांपती है। अब उस घातक रेजिमेंट का हिस्सा महिला सैनिक भी बनने जा रही हैं। इस बात की घोषणा देश के सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने की।
सरकार को भेजा गया है प्रस्ताव, जल्द स्वीकार होने की उम्मीद
15 जनवरी को सेना दिवस है, इससे पूर्व अपनी अहम घोषणा में सेना प्रमुख ने आर्टिलरी रेजिमेंट में महिलाओं को हिस्सा बनाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि महिला अधिकारियों को भारतीस सेना की आर्टिलरी रेजीमेंट में कमीशन दिया जाएगा। जनरल मनोज पांडे ने बताया कि इसके लिए सेना की ओर से सरकार के पास प्रस्ताव भेजा गया है। जनरल पांडे ने उम्मीद जताई कि जल्द ही इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया जाएगा। इस दौरान उन्होंने भारतीय सेना में होने वाले प्रमुख परिवर्तनों पर भी अपने विचार व्यक्त किए।
आतंकियों को सीमापार से मिल रहा समर्थन
जम्मू कश्मीर की स्थिति के बारे में सेना प्रमुख ने अपने संबोधन में कहा कि फरवरी 2021 में हुआ संघर्ष विराम वहां पर अच्छी तरह से जारी है, लेकिन आतंकवाद और आतंकी ढांचे को सीमा पार से समर्थन अभी भी बना हुआ है। उन्होंने कहा, उत्तरी सीमाओं पर स्थिति स्थिर है लेकिन अप्रत्याशित है। हम 7 मुद्दों में से 5 को हल करने में सफल रहे हैं। हमने सैन्य और राजनयिक दोनों स्तरों पर बात करना जारी रखा हुआ है। किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए हमारे पास पर्याप्त भंडार हैं।
जानें आर्टिलरी रेजिमेंट के बारे में, कारगिल वॉर में निभाई थी अहम भूमिका
भारतीय सेना की आर्टिलरी रेजिमेंट किसी भी युद्ध की परिस्थिति में अहम भूमिका निभाती है। आज यह भारतीय सेना की दूसरी सबसे बड़ी शाखा है, जिसका काम भारतीय सेना के जमीनी अभियानों के दौरान सेना को मारक क्षमता प्रदान करना है।
इस रेजीमेंट को प्रमुख तौर पर दो हिस्सों में बांटा गया है। पहला हिस्सा घातक और मारक हथियारों के लिए जाना जाता है। इसमें मिसाइल, रॉकेट्स, मोर्टार, बंदूके, तोप होते हैं। वहीं दूसरे हिस्से में ड्रोन, रडार, सर्विलांस सिस्टम होता है। कारगिल युद्ध के दौरान इस रेजिमेंट ने दुश्मन को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाया था।