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1947 में पाकिस्तानी सैनिकों को इंंडियन आर्मी ने चटाई थी धूल, याद में मनाया गया ‘शौर्य दिवस’

‘शौर्य दिवस’ के मौके पर लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि यह आयोजन उस ऐतिहासिक दिन की याद में किया जाता है जब सेना ने आजाद भारत ने अपने पहले बड़े ऑपरेशन में साहस का परिचय देते हुए दुश्मन के इरादे नाकाम कर दिए थे।

Reported By : Manzoor Mir Edited By : Vineet Kumar Singh Published : Oct 27, 2023 16:50 IST, Updated : Oct 27, 2023 16:50 IST
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Image Source : INDIA TV बडगाम में 1947 में हुए ऑपरेशन की याद में ‘शौर्य दिवस’ मनाया।

श्रीनगर: सेना ने कश्मीर से पाकिस्तानी सैनिकों को खदेड़ने के लिए फोर्स के श्रीनगर पहुंचने की 76वीं सालगिरह के मौके पर शुक्रवार को ‘शौर्य दिवस’ मनाया। बता दें कि उस दिन श्रीनगर आए सैनिकों ने आजाद भारत में सेना की पहली विजय सुनिश्चित की थी। कश्मीर के तत्कालीन महाराजा हरि सिंह और भारत गणराज्य के बीच विलय पत्र पर हस्ताक्षर होने के एक दिन बाद भारतीय सेना की टुकड़ियां जम्मू-कश्मीर से पाकिस्तानी सेना को खदेड़ने के लिए बडगाम एयरपोर्ट पर उतरी थीं। शुक्रवार को आयोजित ‘शौर्य दिवस’ में बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए उस ऐतिहासिक घटना को रीक्रिएट किया गया।

कार्यक्रम ने दिलाई 1947 की याद

वीर जवानों की याद में आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में सेना और वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा छात्र शामिल हुए। इस कार्यक्रम में पाकिस्तानी सेना को खदेड़ने के लिए भारतीय सेना के जवानों के 27 अक्टूबर 1947 को वहां पहुंचने को भी प्रदर्शित किया गया। इस अवसर पर सेना की श्रीनगर स्थित 15वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (GOC) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि यह आयोजन उस ऐतिहासिक दिन की याद में किया जाता है, जिसने यह सुनिश्चित किया कि जम्मू कश्मीर अब भी भारत का अभिन्न अंग है। उन्होंने कहा कि सेना ने आजाद भारत में अपने पहले बड़े अभियान में साहस का परिचय दिया था।

‘नाकाम हो गए थे दुश्मन के नापाक इरादे’
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि सैनिकों के साहस की वजह से कश्मीर पाकिस्तान के कब्जे में जाने से बच गया और दुश्मन के नापाक इरादे नाकाम हो गए। उन्होंने पहला परमवीर चक्र प्राप्त करनेवाले मेजर सोमनाथ शर्मा की वीरता को भी याद किया, जिन्होंने घायल होने के बावजूद एक कंपनी का नेतृत्व किया और श्रीनगर एयरफील्ड को पाकिस्तानी कबायलियों के कब्जे में नहीं जाने दिया। मेजर शर्मा इस ऑपरेशन के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए थे। लेफ्टिनेंट जनरल घई ने कहा, ‘आज हमें प्रण करना चाहिए कि हम कश्मीर को शांति और समृद्धि के रास्ते पर ले जाने का कोई प्रयास विफल नहीं होने देंगे।’

बडगाम में भी आयोजित हुआ कार्यक्रम
बता दें कि बडगाम मिलिट्री गैरीसन में भी 'शौर्य दिवस' धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर शहीदों का सम्मान करने के लिए, चिनार कोर कमांडर समेत कई गणमान्य लोगों ने बडगाम युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस खास समारोह में बड़ी संख्या में दिग्गज, NCC कैडेट और सेवारत सैनिक भी शामिल हुए। यह कार्यक्रम विक्टर फोर्स के तत्वावधान में आयोजित किया गया था और इसमें GOC विक्टर फोर्स ने भी भाग लिया था। बडगाम में शौर्य दिवस के अवसर पर विक्टर फोर्स के तत्वावधान में एक मेगा इन्फैंट्री हथियार और उपकरण प्रदर्शन का भी आयोजन किया गया।

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